भारतीय राजनीति में एक नया विवाद तब उत्पन्न हुआ जब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और उनकी पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौरव गोगोई की ब्रिटिश पत्नी एलिजाबेथ के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संपर्क हैं। सरमा ने आरोप लगाया कि 2015 में गौरव गोगोई ने अपनी संस्था ‘पॉलिसी फॉर यूथ’ के जरिए पाकिस्तान उच्चायोग का दौरा किया था, जबकि वे उस समय संसद की विदेशी मामलों की समिति के सदस्य नहीं थे।
हिमंता बिस्व सरमा ने यह भी कहा कि गौरव गोगोई ने भारतीय तटरक्षक रडार प्रणाली, हथियार कारखाने और रक्षा उपकरण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर संसद में सवाल उठाए। इन सवालों के उठने के बाद, सरमा ने गौरव गोगोई की पत्नी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि एलिजाबेथ ने पाकिस्तान में समय बिताया है और जिस संस्था में काम करती थीं, वह आईएसआई का मुखौटा माना जाता है।
इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी बयान देते हुए दावा किया कि एलिजाबेथ कोलबर्न का पाकिस्तान और आईएसआई से संबंध हैं। भाजपा प्रवक्ता का कहना है कि एलिजाबेथ का संबंध पाकिस्तान प्लानिंग कमिशन के सलाहकार अली तौकीर शेख से भी था, जो आईएसआई से जुड़ा हुआ है।
एलिजाबेथ के पेशेवर बैकग्राउंड का उल्लेख करते हुए बताया गया कि वे सीडीकेएन (क्लाइमेट एंड डेवलपमेंट नॉलेज नेटवर्क) में कार्यरत थीं, जिसे भाजपा आईएसआई का फ्रंट मान रही है।
यह आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा और गोगोई परिवार के बीच लंबे समय से चल रहे राजनीतिक विवाद का हिस्सा है। पहले भी सरमा ने आरोप लगाया था कि तरुण गोगोई ने असम का मुख्यमंत्री बनने के लिए अपने बेटे गौरव गोगोई को बढ़ावा देने की कोशिश की थी, जिसके कारण उन्होंने 2015 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था।
इस मामले पर गौरव गोगोई ने हाल ही में असम मुख्यमंत्री पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने अपनी पत्नी की मीडिया कंपनी को केंद्र सरकार से 10 करोड़ की ग्रांट दिलवाने का प्रयास किया। इन आरोपों के बाद, रिनिकी भुइयां सरमा ने गौरव गोगोई के खिलाफ 10 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
यह पूरा घटनाक्रम असम की राजनीति में एक नए मोड़ का संकेत दे रहा है और आने वाले समय में इसके और गंभीर रूप लेने की संभावना है।