महाकुंभ 2025 के मौनी अमावस्या पर पावन संगम पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना के मद्देनजर प्रयागराज में आधुनिक तकनीक और एआई आधारित समाधान का उपयोग कर भीड़ प्रबंधन की तैयारियां तेज हो गई हैं. मेला क्षेत्र और शहर की सुरक्षा व व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए फुलप्रूफ प्लान तैयार किया गया है, जिसमें आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों द्वारा विकसित विशेष एल्गोरिदम और मैथमेटिकल मॉडलिंग तकनीक का सहारा लिया जा रहा है.
महाकुंभ क्षेत्र में 744 और शहर में 1107 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो एआई लाइसेंस से सुसज्जित हैं. इन कैमरों का नेटवर्क स्नान घाटों और मेला क्षेत्र के नौ प्रमुख प्रवेश व निकास मार्गों को कवर करेगा. रियल-टाइम मॉनिटरिंग के जरिए भीड़ का घनत्व मापा जाएगा और कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को अपडेट भेजा जाएगा. यदि किसी घाट या मार्ग पर भीड़ का दबाव अधिक होता है तो यह सिस्टम तुरंत अलर्ट जारी करेगा.
भीड़ प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए 720 सीसीटीवी कैमरे शहर के 100 से अधिक पार्किंग स्थलों पर लगाए गए हैं. इन कैमरों से पार्किंग स्थलों पर आने-जाने वाले वाहनों और श्रद्धालुओं की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी. आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों द्वारा विकसित एल्गोरिदम फार्मूले के जरिए एआई तकनीक का उपयोग कर भीड़ का विश्लेषण किया जाएगा। यह सिस्टम टर्नअराउंड टाइम, फेसियल रिकग्निशन और अन्य आंकड़ों की मदद से भीड़ की स्थिति का सटीक आकलन करेगा. प्रवेश और निकास दरों का डेटा मिलने पर आपातकालीन योजना भी लागू की जा सकेगी.
मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बताया कि महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. मौनी अमावस्या जैसे प्रमुख स्नान पर्वों के लिए खासतौर पर एआई तकनीक से लैस भीड़ प्रबंधन प्रणाली विकसित की गई है. एडीजी जोन भानु भाष्कर ने कहा कि इस बार मेला क्षेत्र के साथ-साथ शहर की सुरक्षा को भी नई ऊंचाई पर ले जाने की कोशिश की जा रही है. श्रद्धालुओं के सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव के लिए रियल-टाइम अलर्ट, भीड़ का डेटा एनालिसिस और कंटीजेंसी प्लान तैयार किया गया है.