महामारी के बाद बच्चों की पढ़ाई को लेकर जो डर था, वो अब खुशी में बदल गया है! बता दें कि वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (ASER) 2024 के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि कोरोना के बाद बच्चों के सीखने की क्षमता में जबरदस्त उछाल आया है. खासकर गणित में तो बच्चे गजब का प्रदर्शन कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी स्कूलों में कक्षा 3 के बच्चों के पढ़ने का स्तर तेजी से सुधरा है. 6 से 14 साल के बच्चों में पढ़ने और गणित में तेज़ी से सुधार देखा गया है. 2022 में जहां सिर्फ 16.3% बच्चे कक्षा 2 की किताबें आसानी से पढ़ पाते थे, वहीं 2024 में ये आंकड़ा 23.4% हो गया है. निजी और सरकारी स्कूलों को मिलाकर देखें तो 2022 में 20.5% बच्चे ठीक से पढ़ पाते थे, जो 2024 में 27.1% तक पहुंच गया है.
गणित में भी बच्चों ने शानदार सुधार दिखाया है! 2018 में कक्षा 3 के केवल 28.2% बच्चे घटाव कर पाते थे, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 33.7% हो गया है. महामारी के कारण 2022 में यह घटकर 25.9% रह गया था, लेकिन अब बच्चों ने दमदार वापसी कर ली है.
राज्यों की बात करें तो उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने पढ़ाई के स्तर में 10% से अधिक की बढ़त दर्ज की. बिहार में पढ़ने की क्षमता 8% बढ़ी और गणित में भी सुधार हुआ. यूपी में तो पढ़ाई का स्तर 15% अंक तक बढ़ गया.
डिजिटल दौर में स्मार्टफोन के उस्ताद बने लड़के!
ASER 2024 की रिपोर्ट में पहली बार डिजिटल साक्षरता पर भी ध्यान दिया गया. पता चला कि लड़कियों की तुलना में लड़के स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करना जानते हैं. 85.5% लड़के स्मार्टफोन चलाने में माहिर हैं, जबकि लड़कियों का आंकड़ा 79.4% है. साफ है कि कोरोना का असर बच्चों पर सकारात्मक पड़ा है और अब वे पढ़ाई और गणित में पहले से ज्यादा तेज हो गए हैं. देश की नई पीढ़ी स्मार्ट और तेज़ दिमाग के साथ आगे बढ़ रही है!