राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की अध्यक्षता में गुरुवार को गुजरात के अहमदाबाद में राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) का 44वाँ दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ।
श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने एनआईडी के 44वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अहमदाबाद विख्यात शैक्षणिक संस्थानों का उद्गम स्थल है। एनआईडी राष्ट्रीय रूप से महत्व रखने वाला ऐसा ही एक संस्थान है। डिजाइन क्षेत्र में शिक्षा तथा प्रशिक्षण देने वाला एनआईडी पायोनियर होने के साथ-साथ सिखाने के अपनी विशिष्ट शैली के कारण भी विख्यात है। इसके विद्यार्थी व शिक्षक डिजाइन क्षेत्र में निरंतर सफलता के शिखर पार कर रहे हैं। इस समारोह में विभिन्न संकायों के कुल 430 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। इनमें 102 स्नातक व 323 अनुस्नातक विद्यार्थियों तथा पांच स्कॉलर्स को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।
संस्थान के महत्व की चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि डिजाइन समाज एवं दुनिया की समस्याओं के समाधान प्रदान करते हैं। डिजाइन दृश्य भाव को प्रभावी ढंग से व्यक्त करते हैं। साथ ही उन्होंने एनआईडी द्वारा डिजाइन की गई गणतंत्र दिवस की एट होम सेरेमनी की आमंत्रण पत्रिका का भी उल्लेख किया।
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि डिजाइन की बहुआयामी शिक्षा के साथ एनआईडी समाज निर्माण तथा लोक समस्याओं के सकारात्मक निवारण के लिए अनेक समाधान प्रदान करता है। डिजाइन क्षेत्र में क्रिएटिव थिंकिंग के माध्यम से सुदूरवर्ती मानव के जीवन स्तर में उल्लेखनीय बदलाव लाने के साथ देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में यह संस्थान महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
उन्होंने 21वीं शताब्दी में डिजाइन के आयामों व महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि डिजाइन हमारी विरासत तथा आधुनिकता को साथ लाता है। उसके उचित सम्मिश्रण एवं श्रेष्ठ प्रैक्टिसेज द्वारा वह ग्रामीण व आधुनिक भारत के निर्माण में उल्लेखनीय योगदान देता है। डिजाइन के माध्यम से ट्रेडिशनल स्किल्स को आधुनिक आवश्यकताओं के लिए उपयोगी बनाकर यह संस्थान सस्टेनेबल लाइवलीहुड प्रदान करने में महत्वपूर्ण सिद्ध हो रहा है।