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पेट के कैंसर से बचाव, युवाओं में बढ़ते मामलों के कारण और उपाय

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Prevention of stomach cancer

पेट का कैंसर, जिसे गैस्ट्रिक कैंसर भी कहा जाता है, एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है। पहले यह बीमारी अधिकतर बुजुर्गों में देखने को मिलती थी, लेकिन हाल के वर्षों में यह युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है, जो एक चिंताजनक स्थिति है। पेट का कैंसर दुनियाभर में होने वाला पांचवां सबसे आम कैंसर है, और इसके मामलों में युवाओं में बढ़ोतरी चिंता का कारण बन रही है। इस बीमारी के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं, लेकिन सही जानकारी और सावधानी से इससे बचा जा सकता है।

पेट के कैंसर के कारण:

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अनियमित खानपान: आजकल की दिनचर्या में फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड की मात्रा युवाओं में काफी बढ़ गई है। खासकर स्मोक्ड फिश, सॉल्टेड फिश, रेड और प्रोसेस्ड मीट का अधिक सेवन पेट की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है और कैंसर का कारण बन सकता है।

तंबाकू और शराब का सेवन: धूम्रपान, तंबाकू और शराब का सेवन युवाओं में बढ़ता जा रहा है, जो पेट के सेल्स को नुकसान पहुंचाकर कैंसर का खतरा बढ़ाता है।

मोटापा: गलत खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण युवाओं में मोटापा बढ़ रहा है, जो पेट के कैंसर के लिए एक प्रमुख रिस्क फैक्टर है।

हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इन्फेक्शन: यह बैक्टीरिया पेट में संक्रमण पैदा करता है, जो समय के साथ कैंसर का कारण बन सकता है। इस बैक्टीरिया के लक्षण शुरुआत में नज़र नहीं आते, जिससे समय पर इलाज कराना मुश्किल हो जाता है।

एसिड रिफ्लक्स: क्रॉनिक एसिड रिफ्लक्स डिजीज भी पेट के कैंसर का कारण बन सकती है। अगर इसका समय से इलाज न कराया जाए तो यह पेट की भीतरी लाइनिंग को नुकसान पहुंचाता है।

पेट के कैंसर से बचाव के उपाय:

हेल्दी डाइट: ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ अपनी डाइट में शामिल करें। एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ पेट की लाइनिंग को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।

सही वजन बनाए रखें: नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से मोटापा कम होता है और पेट के कैंसर का खतरा घटता है। इसलिए, एक हेल्दी वजन बनाए रखें।

तंबाकू और शराब से बचाव: स्मोकिंग, तंबाकू और शराब से पूरी तरह से दूरी बनाएं, क्योंकि ये आदतें पेट के कैंसर के अलावा कई अन्य बीमारियों का कारण बन सकती हैं।

हेलिकोबैक्टर पाइलोरी की जांच: अगर पेट में लंबे समय से दर्द, एसिडिटी या अपच की समस्या हो, तो इस बैक्टीरिया की जांच करवाएं। इसका समय पर इलाज कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।

नियमित जांच: यदि आपके परिवार में पेट के कैंसर का इतिहास है, तो नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं। शुरुआत में कैंसर का पता चलने पर इलाज अधिक प्रभावी और आसान हो सकता है।

पेट का कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन उचित जानकारी, सावधानी और जीवनशैली में बदलाव से इसे रोका जा सकता है। युवा पीढ़ी को इस बारे में जागरूक करना और सही कदम उठाना जरूरी है, ताकि पेट के कैंसर के बढ़ते मामलों से बचा जा सके।

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