प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में एक महत्वपूर्ण और तेजी से बढ़ रही समस्या पर चर्चा की, जो है मोटापा। पीएम मोदी ने इस गंभीर मुद्दे पर रोशनी डालते हुए कहा कि फिट और हेल्दी नेशन बनने के लिए हमें इस समस्या से जूझना होगा। उन्होंने बताया कि हालिया अध्ययन में हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे का शिकार है, और इस समस्या ने हाल के वर्षों में दोगुनी वृद्धि देखी है। सबसे ज्यादा चिंताजनक बात ये है कि बच्चों में मोटापे की समस्या चार गुना बढ़ गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में लगभग 250 करोड़ लोग अधिक वजन की समस्या से ग्रस्त थे, जो कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। इस समस्या से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने एक सादा लेकिन प्रभावी उपाय सुझाया—हर महीने तेल के उपयोग में 10 प्रतिशत की कमी करना। उन्होंने कहा कि ज्यादा तेल खाने से मोटापा और संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ता है। पीएम मोदी ने सभी को यह सुझाव दिया कि हम तेल खरीदते समय 10 प्रतिशत कम तेल खरीदें, जिससे धीरे-धीरे मोटापे को कम किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा और बॉक्सिंग चैंपियन निखत ज़रीन के उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि इन एथलीट्स ने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ मोटापे पर काबू पाया है, जिससे सभी को प्रेरणा मिलनी चाहिए।
मन की बात कार्यक्रम में डॉक्टर देवी शेट्टी ने भी मोटापे के प्रभावों पर प्रकाश डाला, जैसे हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, और फैटी लिवर जैसी समस्याएं, और उन्होंने नियमित व्यायाम और संतुलित आहार की अहमियत बताई। पीएम मोदी ने इस पर भी जोर दिया कि खानपान में छोटे बदलावों के जरिए हम अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं और अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए एक स्वस्थ वातावरण बना सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि परिवार और समाज की जिम्मेदारी है। यदि हम अपने खानपान में छोटे बदलाव लाकर शारीरिक सक्रियता बढ़ाते हैं, तो हम मोटापे पर नियंत्रण पा सकते हैं और एक स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।