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20 के बाद इन दो बदलावों पर रखें नजर, कैंसर के खतरे से बच सकते हैं

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Keep an eye on these two changes after 20

कैंसर की गंभीरता को समझते हुए, विशेषज्ञ 20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अपने शरीर में होने वाले कुछ खास बदलावों को नजरअंदाज न करने की सलाह देते हैं। खासकर स्तन कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसर से बचने के लिए इन दो महत्वपूर्ण लक्षणों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। मेडिकल क्षेत्र में शोध और नवाचार के चलते पहले की तुलना में अब कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज जरूर आसान हो गया है, पर इस रोग के कारण अब भी हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। अध्ययनों से पता चलता है कि कैंसर आनुवंशिक और बाहरी कारकों के संयोजन के कारण होने वाली बीमारी है। चूंकि ये बीमारी सभी उम्र और लिंग को प्रभावित करती है इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को कैंसर से बचाव के लिए निरंतर प्रयास करते रहने की सलाह देते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में कैंसर होने की आशंका अधिक होती है। पुरुषों में प्रोस्टेट, कोलन, फेफड़े और त्वचा के कैंसर जबकि महिलाओं में स्तन और सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा अधिक देखा जाता है। महिलाओं में कैंसर के वैश्विक आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि सबसे ज्यादा मामले ब्रेस्ट कैंसर के रिपोर्ट किए जाते हैं। वैसे तो इस कैंसर का खतरा 50 से अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक होता है, हालांकि लाइफस्टाइल और कई अन्य कारकों के चलते 20 की उम्र में भी लड़कियां इसका शिकार हो रही हैं। इसलिए कम उम्र से ही स्तन कैंसर के जोखिम कारकों को लेकर सभी महिलाओं को सावधानी बरतते रहनी की जरूरत है।

स्तनों में किसी भी प्रकार की गांठ, कठोरता, या असामान्य ,कैंसर का संकेत हो सकता है

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स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, 20 से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को नियमित रूप से अपने स्तनों की खुद से जांच करते रहना चाहिए। अगर आपके स्तन के आकार में कोई बदलाव नजर आता है या फिर छूने पर किसी तरह की गांठ महसूस होती है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। अधिकांश महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले में शुरुआत में इन दोनों लक्षणों का अनुभव होता है। अगर इस तरह की दिक्कत कुछ समय तक बनी रहती है तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से जल्द से जल्द सलाह ले लें।

स्तन में दर्द या कोई डिस्चार्ज, कैंसर का संकेत हो सकता है

आपको लगातार स्तनों में दर्द महसूस होती रहती है? स्तनों में लालिमा, सिकुड़न या निप्पल में कोई असामान्य सा परिवर्तन नजर आ रहा है, तो ये स्तन कैंसर के लक्षण हो सकते हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। स्तन कैंसर के कुछ मामलो में निप्पल से खूनी डिस्चार्ड भी हो सकता है, इस तरह के संकेतों पर समय रहते गंभीरता से ध्यान दें और उपचार प्राप्त करें।

कैंसर से बचाव के उपाय के लिए कुछ बाते

स्तन कैंसर से बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। स्तन कैंसर से बचे रहने के लिए वजन को कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है। मोटापा स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है इसलिए इसे कंट्रोल में रखने के उपाय करें। शोध से पता चलता है कि शारीरिक गतिविधि, नियमित व्यायाम के माध्यम से स्तन कैंसर के जोखिम को 10% तक कम किया जा सकता है। विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियों का सेवन करें। इनमें एंटीकैंसर और एंटीइंफ्लामेटरी गुण होते है जो कैंसर से बचा सकते हैं।शराब और धूम्रपान से दूरी बनाकर रखना जरूरी है, इनके कारण भी स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

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