बनारसी सिल्क साड़ी अपनी बारीक कढ़ाई, शाही लुक और शानदार बनावट के लिए मशहूर है. लेकिन बाजार में इसकी बढ़ती मांग के कारण नकली बनारसी साड़ियों की भी भरमार हो गई है. अगर आप असली और नकली बनारसी साड़ी में फर्क करना चाहती हैं, तो इन आसान तरीकों को अपनाकर सही साड़ी की पहचान कर सकती हैं.
- सिल्क मार्क टैग चेक करें
सरकारी संस्था ‘सिल्क मार्क ऑथोरिटी ऑफ इंडिया’ असली सिल्क प्रोडक्ट्स को प्रमाणित करती है. असली बनारसी साड़ी पर आपको यह टैग जरूर मिलेगा। अगर यह नहीं है, तो साड़ी की प्रामाणिकता संदिग्ध हो सकती है. - जलाने की टेस्टिंग
अगर आप एक छोटे धागे को जलाएंगी, तो असली सिल्क से जलने पर बाल या ऊन जैसी गंध आएगी और वह राख में बदल जाएगा. नकली सिल्क में जलने पर प्लास्टिक जैसी गंध आएगी और यह चिपचिपा हो जाएगा. - हाथ से बनी जरी वर्क की जांच
असली बनारसी साड़ी में जरी वर्क हाथों से तैयार किया जाता है, जिसमें बारीक डिज़ाइन और जटिल कारीगरी होती है. नकली साड़ियों में मशीन से बनी मोटी और चमकदार जरी होती है, जो समय के साथ फीकी पड़ सकती है. - बुनाई और पल्लू की बारीकी देखें
असली बनारसी साड़ी के पल्लू और बॉर्डर पर मोटिफ्स उभरे होते हैं और इसका पिछला हिस्सा भी साफ-सुथरा और सुंदर दिखता है. नकली साड़ियों में यह असमान और गड़बड़ हो सकता है. - कीमत से करें अंदाजा
असली बनारसी सिल्क साड़ी की कीमत आमतौर पर ₹5000 से शुरू होकर लाखों में होती है. अगर कोई साड़ी बहुत कम दाम में मिल रही है, तो सावधान हो जाएं.
अगर आप बनारसी सिल्क साड़ी खरीद रही हैं, तो इन उपायों को अपनाकर नकली साड़ी से बच सकती हैं.