सास-बहू के रिश्ते को अक्सर टीवी सीरियल्स में एक दूसरे के खिलाफ साजिशों से जोड़ा जाता है, लेकिन असल जिंदगी में ऐसा नहीं होता। हालांकि, कभी-कभी छोटी-मोटी अनबन हो सकती है, लेकिन अगर थोड़ी समझदारी और प्यार से काम लिया जाए तो उस रिश्ते को और भी मजबूत किया जा सकता है। सास-बहू का रिश्ता प्यार, समझदारी और आपसी सम्मान पर आधारित होता है, और अगर बहू आपकी बातों को नहीं मान रही, तो गुस्से से कोई फायदा नहीं होगा। इसके बजाय, धैर्य और सही तरीके से बात करना ज्यादा प्रभावी रहेगा।
अगर आप बहू को अपनी बेटी की तरह मानेंगी, तो वह भी आपको अपनी मां की तरह सम्मान देगी। एक मजबूत रिश्ते के लिए, सास को पहले बहू के साथ दोस्ताना रिश्ता बनाना चाहिए, ताकि कोई भी बात आदेश की तरह न लगे। बहू को यह महसूस हो कि उसकी भावनाओं और विचारों का सम्मान किया जा रहा है, तो वह अधिक खुले मन से आपकी बात सुनेगी।

आजकल की बहुएं आत्मनिर्भर और स्वतंत्र विचारों वाली होती हैं। वे परंपराओं का पालन करना चाहती हैं, लेकिन उसमें कुछ बदलाव की भी चाह रखती हैं। अगर आप हर चीज को अपनी तरह से करना चाहेंगी, तो यह रिश्ते में तनाव पैदा कर सकता है। इसलिए सबसे पहले रिश्ते को मजबूत करें और फिर प्यार और समझदारी से अपनी बात रखें।
कभी भी बहू पर उसकी इच्छा के खिलाफ दबाव न डालें। उसे अपनी पसंद और काम करने की स्वतंत्रता दें और जब वह कुछ अच्छा कर रही हो, तो उसके उत्साह को बढ़ाएं, न कि आलोचना करें। जब सास बहू की पसंद को अपनाती हैं, तो यह बहू को भी यह अहसास कराता है कि वह भी महत्वपूर्ण है और उसकी बातों की कद्र की जाती है।
सास को यह समझना चाहिए कि हर घर की परंपराएं और रीति-रिवाज अलग होते हैं। इसलिए बहू को उसकी पसंद और आदतों के साथ सहज होने का समय दें। और जब भी किसी मुद्दे पर बहस हो, तो गुस्से से नहीं, बल्कि धैर्य और शांति से समाधान निकालें।