अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अंतरिक्ष वेधशाला स्फीयरएक्स ने आधिकारिक तौर पर विज्ञान संचालन शुरू कर दिया है जो ब्रह्मांड की उत्पत्ति, आकाशगंगाओं के विकास और आकाशगंगा में जीवन के निर्माण खंडों में नई अंतर्दृष्टि को उजागर करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। नासा ने गुरुवार को यह घोषणा की। नासा ने बताया कि स्फीयरएक्स अगले दो वर्षों में प्रतिदिन लगभग 3,600 चित्र लेगा एवं पूरे आकाश का व्यवस्थित रूप से सर्वेक्षण करेगा। नासा के अनुसार 11 मार्च को लॉन्च किए गए स्फीयरएक्स ने पिछले छह सप्ताह जांच, अंशांकन और अन्य गतिविधियों से गुजरते हुए बिताए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह ठीक से काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि अब विज्ञान संचालन शुरू होने के साथ वेधशाला तीन आयामों में करोड़ों आकाशगंगाओं की स्थिति का चार्ट बनाएगी। इसका लक्ष्य ब्रह्मांड विज्ञान में कुछ सबसे गहन प्रश्नों को संबोधित करना है, जैसे कि ब्रह्मांड कैसे शुरू हुआ और इसकी बड़े पैमाने की संरचना कैसे विकसित हुई। वाशिंगटन में नासा मुख्यालय में खगोल भौतिकी प्रभाग के कार्यवाहक निदेशक शॉन डोमागल-गोल्डमैन ने कहा “यह नई वेधशाला अंतरिक्ष आधारित खगोल भौतिकी सर्वेक्षण मिशनों के समूह में शामिल हो रही है जो नासा के नैन्सी ग्रेस रोमन स्पेस टेलीस्कोप के प्रक्षेपण की ओर अग्रसर है। इन अन्य मिशनों के साथ वेधशाला ब्रह्मांड के बारे में उन बड़े सवालों के जवाब देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी जिनसे हम नासा में हर दिन निपटते हैं।” नासा के अनुसार वेधशाला अपने 25 महीनों के नियोजित सर्वेक्षण कार्यों में 11,000 से अधिक परिक्रमाएँ पूरी करेगी जो प्रतिदिन लगभग 14 और आधा बार पृथ्वी की परिक्रमा करेगी।