Home मनोरंजन हेमा मालिनी के विवादित बयान पर विपक्ष का पलटवार, कुंभ भगदड़ को...

हेमा मालिनी के विवादित बयान पर विपक्ष का पलटवार, कुंभ भगदड़ को बताया था छोटी घटना

15
0
Opposition counterattacks on Hema Malini's controversial statement

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद और फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी ने मंगलवार को एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला के दौरान मची भगदड़ को मामूली बताया। उन्होंने कहा कि यह घटना उतनी बड़ी नहीं थी, जितना कि उसे मीडिया और विपक्ष द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। 29 जनवरी को महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग घायल हो गए थे।

हेमा मालिनी ने कहा, “हम कुंभ मेले में गए थे, हमने अच्छे से स्नान किया और हर तरफ प्रबंधन बहुत अच्छा था। हां, कुछ जगहों पर भगदड़ हुई, लेकिन इतना कुछ बड़ा नहीं हुआ था। यह घटना जितनी बड़ी बताई जा रही है, वह उतनी नहीं थी। वहां बड़ी संख्या में लोग आ रहे थे, और इतनी भीड़ को संभालना हमेशा कठिन होता है, लेकिन हम अच्छे से इसका प्रबंधन कर रहे थे।”

GNSU Admission Open 2025

यह बयान उस समय आया जब महाकुंभ में मची भगदड़ पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई थी। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार इस घटना में मारे गए लोगों की सही संख्या छिपा रही है और कुंभ के आयोजन में कुप्रबंधन को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने मेले के आयोजन में प्रशासन की लापरवाही के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की।

हेमा मालिनी के बयान पर कांग्रेस पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने बीजेपी सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए और कहा कि यह घटना बहुत दुखद थी, और बीजेपी सांसद का यह कहना कि यह घटना छोटी थी, संवेदनहीनता की सीमा को पार करता है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने इस घटना की लीपापोती की कोशिश की और अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितने लोग मारे गए थे। पार्टी ने यह भी कहा कि पीड़ितों के परिजनों को अकेला छोड़ दिया गया और सारी सरकारी ताकत घटना को दबाने में लगी रही।

इस घटना ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया था, और इस पर राजनीति तेज हो गई। कई राजनीतिक दलों ने घटना की जाँच और मारे गए लोगों के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। दूसरी तरफ, बीजेपी ने दावा किया कि आयोजन का प्रबंधन ठीक था और किसी भी घटना को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं दिखाया गया है।

हेमा मालिनी के बयान ने इस मुद्दे पर और बहस को जन्म दिया है, जहां कुछ नेताओं का कहना है कि यह घटना न सिर्फ प्रशासन की नाकामी को उजागर करती है, बल्कि सरकार की ओर से घटना को नकारने का प्रयास भी किया जा रहा है। इस घटनाक्रम में दोनों पक्षों के बयान सामने आ रहे हैं, और यह देखना होगा कि इस मुद्दे पर आगामी राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ कैसी होती हैं।







GNSU Admission Open 2025

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!