राज कपूर की फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ (1985) न केवल अपनी कहानी और संगीत के लिए याद की जाती है, बल्कि इसने अभिनेत्री मंदाकिनी को रातोंरात स्टार बना दिया। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि राज कपूर की इस फिल्म के लिए पहली पसंद एक 14 साल की लड़की थी न की मंदाकिनी । राज कपूर को भारतीय सिनेमा के सबसे क्रिएटिव निर्देशकों में से एक मन जाता है,यह अपनी फिल्मों में नई प्रतिभाओं को मौका देने के लिए भी प्रसिद्ध थे। ‘राम तेरी गंगा मैली’ के लिए भी उन्होंने एक मासूम और प्राकृतिक सौंदर्य वाली लड़की को तलाशा था । इस प्रक्रिया में उन्होंने एक 14 साल की लड़की को चुना, जो उनकी नजर में गंगा के किरदार के लिए बिल्कुल परफेक्ट थी। हालांकि, फिल्म की कहानी और किरदार की मांग के चलते कुछ बोल्ड दृश्यों की =जरुरत थी। राज कपूर अपने कला के लिए समर्पित थे और उनकी फिल्में अक्सर उनकी विचारधारा का प्रतिबिंब होती थीं। लेकिन जब इस लड़की के माता-पिता को फिल्म की स्क्रिप्ट और बोल्ड दृश्यों के बारे में पता चला, तो उन्होंने अपनी बेटी को इस फिल्म में काम करने से माना कर दिए। इस लड़की के माता-पिता का मानना था कि इतनी कम उम्र में उनकी बेटी के लिए ऐसे दृश्यों के लिए काम करना उचित नहीं होगा। राज कपूर ने उन्हें समझाने की पूरी कोशिश की लेकिन वे अपनी बेटी को फिल्म का हिस्सा बनाने के लिए राज़ी नहीं हुए। लड़की के इनकार के बाद राज कपूर को नए चेहरे की तलाश करनी पड़ी,और इसी दौरान उनकी मुलाकात मंदाकिनी से हो जाती है। मंदाकिनी का असली नाम यास्मीन जोसेफ था, उस समय वो सिर्फ 16 साल की थीं। उन्होंने ‘राम तेरी गंगा मैली’के ऑडिशन में अपनी मासूमियत और अभिनय क्षमता से राज कपूर को प्रभावित किया। फिल्म रिलीज होने के बाद मंदाकिनी को रातोंरात स्टार बना दिया गया। उनका किरदार गंगा और उनके बोल्ड दृश्यों ने भारतीय सिनेमा में एक नई बहस छेड़ दी। ‘राम तेरी गंगा मैली’ उस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में शामिल हुई और इसे कई पुरस्कार भी मिले। राज कपूर की पहली पसंद भले ही फिल्म का हिस्सा नहीं बन पाई , लेकिन मंदाकिनी ने गंगा के किरदार को अमर बना दिया।