राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ हिंदी सिनेमा की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक है। आपको बता दें कि 1970 में रिलीज़ हुई इस फिल्म को बनाने में पूरे छह साल का वक्त लगा। इसके पीछे कई कारण थे, जिनमें राज कपूर का पर perfectionism, व्यक्तिगत जीवन की चुनौतियाँ और फिल्म की अनोखी कहानी शामिल हैं। हालांकि, अपनी भव्यता और अनोखे अंदाज के बावजूद, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही। मेरा नाम जोकर’ एक जोकर की जिंदगी के तीन अलग-अलग चरणों की कहानी है, जिसे बड़े विस्तार और गहराई से दिखाया गया। फिल्म की जटिल ,संरचना और मल्टी-एपिसोडिक शैली के कारण इसका निर्माण समय-consuming हो गया। राज कपूर हर सीन को अपने आदर्श के अनुसार परफेक्ट बनाना चाहते थे। इसमें उन्होंने बार-बार रीशूट्स कराए, जिससे समय और बजट दोनों बढ़ गए। फिल्म में राज कपूर के साथ सिमी गरेवाल, मनोज कुमार, और रशियन अभिनेत्री क्वालेंटाइना शामिल थीं। अलग-अलग कलाकारों के शेड्यूल और विदेशी, लोकेशंस पर शूटिंग ने प्रोजेक्ट को और लंबा कर दिया। फिल्म की असफलता ने राज कपूर को आर्थिक मुश्किलों में डाल दिया। खबर थी कि उन्होंने अपनी संपत्तियां गिरवी रखकर फिल्म बनाई थी। हालांकि, बाद में ‘बॉबी’ जैसी हिट फिल्मों से उन्होंने अपनी स्थिति सुधार ली। समय के साथ, ‘मेरा नाम जोकर’ को एक क्लासिक के रूप में देखा जाने लगा है।