बॉलीवुड अभिनेता आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े की मुश्किलें बढ़ गई हैं. चिटफंड घोटाले में नाम जुड़ने के कारण दोनों अभिनेताओं के खिलाफ लखनऊ के गोमती नगर विस्तार थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.
क्या है पूरा मामला?
द लोनी अरबन मल्टी स्टेट क्रेडिट सोसाइटी (एलयूसीसी) ने ब्रांड एंबेसडर के रूप में इन अभिनेताओं का नाम इस्तेमाल कर एक चिटफंड स्कीम चलाई. इस स्कीम में निवेशकों को छह वर्षों में रकम दोगुनी करने का झांसा दिया गया. इस धोखाधड़ी के तहत 45 लोगों से लगभग 9.12 करोड़ रुपये की ठगी की गई.
कैसे हुआ घोटाला?
एलयूसीसी ने निवेशकों को लुभाने के लिए एजेंट्स को मैनेजर के पद पर नियुक्त किया और अधिक लोगों को जोड़ने का लालच दिया. शुरू में निवेशकों को पासबुक और बॉन्ड दिए गए, जिससे उन्हें इस स्कीम की विश्वसनीयता का भरोसा हुआ। लेकिन समय बीतने के साथ सोसाइटी के कार्यालय अचानक बंद होने लगे और कंपनी के संचालक फरार हो गए.
पीड़ितों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
लखनऊ, सीतापुर, जौनपुर और उन्नाव के कई पीड़ित निवेशकों ने पुलिस थानों में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. अंततः निवेशकों ने कोर्ट में अर्जी दी, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई.
बॉलीवुड स्टार्स की भूमिका पर सवाल
डॉ. उत्तम सिंह, संजीव वर्मा, समीर अग्रवाल, शबाब हुसैन, आरके शेट्टी सहित कुल सात लोगों पर केस दर्ज किया गया है. इनमें आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े का नाम भी शामिल है, क्योंकि उन्होंने इस चिटफंड स्कीम का प्रचार किया था। निवेशकों का कहना है कि इन अभिनेताओं पर भरोसा कर उन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई इस स्कीम में लगाई.
क्या कह रही है पुलिस?
गोमती नगर विस्तार थाने के इंस्पेक्टर सुधीर अवस्थी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और सभी आरोपियों की भूमिका की गहन पड़ताल की जाएगी. यह देखना दिलचस्प होगा कि इस कानूनी पेंच में बॉलीवुड सितारों की भूमिका पर क्या फैसला आता है और क्या निवेशकों को न्याय मिल पाएगा.