अविनाश तिवारी और तृप्ति डिमरी की फिल्म ‘लैला मजनू’ को दर्शकों से मिली मिली-जुली प्रतिक्रिया के बावजूद, अविनाश ने इसे अपनी पहली फिल्म मानते हुए कई सालों का संघर्ष बताया। हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया से बातचीत के दौरान अविनाश ने खुलासा किया कि यह उनकी पहली फिल्म थी, जिसके लिए उन्होंने काफी समय इंतजार किया। उन्होंने बताया कि जब फिल्म रिलीज हुई थी, तो बॉक्स ऑफिस पर वह उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई, लेकिन इस असफलता ने उन्हें यह सिखाया कि संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है, और वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए लगातार कोशिश करते रहेंगे।
अविनाश ने बताया कि वह एक ऐसे परिवार से आते हैं, जहां पढ़ाई को प्राथमिकता दी जाती थी। अभिनय के प्रति अपने शौक को गंभीरता से लेने के लिए उन्होंने न्यूयॉर्क जाकर अभिनय की पढ़ाई की। 2007 में अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद जब वह भारत लौटे, तो उन्होंने उम्मीद जताई थी कि उनका स्वागत रेड कार्पेट पर होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। कई सालों की मेहनत के बाद उन्हें ‘लैला मजनू’ फिल्म में काम करने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने तीन साल दिए। हालांकि, फिल्म की रिलीज के बाद दर्शकों ने इसे नकारा और बॉक्स ऑफिस पर यह असफल रही।
लेकिन अविनाश ने इस असफलता को अपनी सीख का हिस्सा माना और कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में सफलता और असफलता दोनों का अनुभव जरूरी होता है। ‘लैला मजनू’ को दर्शकों की ओर से मिली असफलता के बावजूद, फिल्म को अगस्त 2024 में री-रिलीज किया गया, और इस बार फिल्म ने जबरदस्त सफलता हासिल की। इस फिल्म ने अपनी पहली रिलीज के मुकाबले तीन गुना ज्यादा कमाई की, जो एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 3.25 करोड़ से बढ़कर 8.85 करोड़ रूपये हो गया।