कंगना रनौत द्वारा निर्देशित पॉलिटिकल-ड्रामा फिल्म ‘इमरजेंसी’ को पंजाब में प्रतिबंधित कर दिया गया है. बता दें कि इस फैसले के पीछे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (SGPC) सहित अन्य संगठनों की आपत्ति मुख्य कारण बताई जा रही है. प्रतिबंध के बाद कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और इस निर्णय को कला एवं कलाकारों के उत्पीड़न के रूप में देखा है.कंगना ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “पंजाब और कई अन्य शहरों से खबरें आ रही हैं कि मेरी फिल्म ‘इमरजेंसी’ को प्रदर्शन से रोका जा रहा है. यह पूरी तरह से अनुचित है. मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं. चंडीगढ़ में पढ़ाई और वहां के माहौल में पली-बढ़ी होने के कारण मैं सिख धर्म को नजदीक से जानती हूं और उसका सम्मान करती हूं. लेकिन यह एक सोची-समझी रणनीति के तहत मेरी छवि खराब करने और फिल्म को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है.”
पंजाब में फिल्म के प्रतिबंध की मांग सबसे पहले सुखपाल सिंह खैरा सहित कई अन्य राजनीतिक और धार्मिक संगठनों ने की थी. खैरा ने एक पोस्ट में लिखा, “मैं SGPC अमृतसर द्वारा ‘इमरजेंसी’ को प्रतिबंधित करने के फैसले का समर्थन करता हूं. कंगना रनौत ने कई बार किसानों और सिख समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की हैं, जबकि वह सिखों के देश के प्रति योगदान से अनभिज्ञ हैं. पंजाब सरकार को तुरंत इस फिल्म पर बैन लगाने के लिए कदम उठाने चाहिए, क्योंकि यह सिखों की छवि को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है और पंजाब के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है.”
गौरतलब है कि फिल्म ‘इमरजेंसी’ भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान लगाए गए आपातकाल पर आधारित है. इस फिल्म में कंगना रनौत ने इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है और इसे उन्होंने खुद ही निर्देशित भी किया है। हालांकि, फिल्म के ट्रेलर रिलीज के बाद से ही कई संगठनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था.फिल्म के निर्माताओं की ओर से अभी तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कंगना की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस फैसले से नाखुश हैं. अब देखना होगा कि पंजाब सरकार इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाती है और क्या यह विवाद किसी समाधान तक पहुंचता है या नहीं.