Home मनोरंजन बीजॉय नाम्बियार की अगली फिल्म में आदर्श गौरव का दिखेगा नया अवतार

बीजॉय नाम्बियार की अगली फिल्म में आदर्श गौरव का दिखेगा नया अवतार

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Aadarsh ​​Gourav will be seen in a new avatar in Bejoy Nambiar's

बॉलीवुड अभिनेता आदर्श गौरव ने बताया है कि निर्देशक बीजॉय नाम्बियार की अगली फिल्म में दर्शकों को उनका नया अवतार देखने को मिलेगा।

फिल्म इंडस्ट्री में जहां कई कलाकार एक ही तरह के किरदारों में बंध जाते हैं, वहीं आदर्श गौरव हर बार खुद को नए अंदाज में पेश करते हैं। रुख में एक मासूम लड़के से लेकर द व्हाइट टाइगर में चालाक ड्राइवर, गन्स एंड गुलाब्स में गैंगस्टर और खो गए हम कहां में चार्मिंग फिटनेस ट्रेनर तक,हर किरदार में उन्होंने खुद को पूरी तरह बदल लिया। हाल ही में रिलीज़ हुई उनकी फिल्म सुपरबॉयज़ ऑफ मालेगांव, जिसमें उन्होंने एक महत्वाकांक्षी फिल्ममेकर का किरदार निभाया, और उनकी अगली फिल्म तू या मैं में एक छोटे शहर के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के रूप में उनका नया अंदाज, यह साबित करता है कि वह आज के सबसे बहुमुखी अभिनेताओं में से एक हैं।

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आदर्श गौरव ने कहा, मेरे लिए एक्टिंग का मतलब है पूरी तरह से किरदार में डूब जाना।शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से। मैं सिर्फ किरदार नहीं निभाता, बल्कि उसमें पूरी तरह बदल जाता हूँ। हर रोल मुझसे कुछ नया मांगता है, और यही चीज़ मुझे सबसे ज़्यादा रोमांचित करती है। चाहे रुख का ध्रुव हो, द व्हाइट टाइगर का बलराम हलवाई, या गन्स एंड गुलाब्स का जुगनू,मैं हमेशा कोशिश करता हूँ कि मेरा अभिनय असली और असरदार लगे। इसके लिए मैं अपने हाव-भाव, शरीर की बनावट और मानसिकता को पूरी तरह से ढालता हूँ।

आदर्श गौरव ने कहा,मैं मानता हूँ कि हर किरदार का लुक बहुत मायने रखता है, क्योंकि इंसान की चाल-ढाल, कपड़े और हाव-भाव उसके जीवन के अनुभवों को दर्शाते हैं। खो गए हम कहां में नील परेरा नामक फिटनेस ट्रेनर के किरदार के लिए मुझे एक एथलेटिक बॉडी बनानी पड़ी, जबकि सुपरबॉयज़ ऑफ मालेगांव में नासिर शेख के रूप में मुझे एक संघर्षशील फिल्ममेकर की भूख और जुनून दिखाना था। और अब तू या मैं में, मैं एक छोटे शहर के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का किरदार निभा रहा हूँ, जिसके लिए एक अलग अप्रोच की जरूरत है।

आदर्श ने कहा,मैं कभी भी खुद को दोहराना नहीं चाहता। यह मेरा सबसे बड़ा डर है। अगर मैं हर फिल्म में एक जैसा दिखूं और महसूस करूं, तो इसका मतलब है कि मैं अपने काम के साथ न्याय नहीं कर रहा। एक्टिंग का असली मज़ा उसी में है जब आप इतने अच्छे से किरदार में घुल-मिल जाएं कि दर्शक यह भूल जाएं कि वे किसी अभिनेता को देख रहे हैं। यही मेरी हर फिल्म में कोशिश रहती है।

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