फिल्म जागत में वॉयलेंट फिल्मों का अपना अलग ही स्टाइल होता है. हालांकि, कुछ फिल्मों की हिंसा और खून-खराबे के लेवल ने लोगों को चौंका दिया है। ऐसी ही एक फिल्म है ‘मार्को’, जो वॉयलेंस और खून-खराबे से भरी हुई है. आपक बता दें कि फिल्म की शूटिंग के दौरान इस्तेमाल किए गए खून की मात्रा ने सबको हैरान कर दिया था. फिल्म के निर्माता और निर्देशक ने इसे इतना बढ़-चढ़कर पेश किया कि कुल मिलाकर 300 लीटर खून का इस्तेमाल हुआ, जो एक रिकॉर्ड है. और अब इस फिल्म को भारत की सबसे वॉयलेंट फिल्म कहा जा रहा है, और इसका असर केवल दर्शकों पर ही नहीं बल्कि फिल्म के कलाकारों पर भी पड़ा है. फिल्म के लीड एक्टर ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है कि वह इस फिल्म की शूटिंग के दौरान गंभीर चोटों से जूझ रहे थे. खून से सनी हुई एक्शन सीन के दौरान उन्होंने कहा कि वह खुद अपनी आंखों की रोशनी खोने के कगार पर थे. इस फिल्म में कुछ ऐसी खतरनाक एक्शन सीन्स हैं, जो न केवल एक्शन कलाकारों के लिए, बल्कि निर्देशक और तकनीशियनों के लिए भी चुनौतीपूर्ण थे. खून के साथ शूटिंग के दौरान इस बात का ध्यान रखना जरूरी था कि कोई भी व्यक्ति इसकी वजह से गंभीर रूप से घायल न हो जाए. लेकिन बावजूद इसके, एक्शन सीन्स की खतरनाक प्रकृति ने सबको चौंका दिया. फिल्म के लीड एक्टर ने बताया, “फिल्म के एक्शन सीन्स में भारी मात्रा में खून का इस्तेमाल हुआ था और यह इतना ज्यादा था कि हमारी आंखों में खून चला गया था. एक बार तो मुझे लगा कि मेरी आंखों की रोशनी चली जाएगी.” उन्होंने आगे कहा कि सेट पर कई बार ऐसा हुआ जब खून के छींटे उनकी आंखों में चले गए और वह गंभीर रूप से परेशान हो गए थे. फिल्म की शूटिंग के दौरान सुरक्षा के तमाम इंतजामों के बावजूद, इस तरह के खतरों का सामना करना पड़ा था. एक्टर ने यह भी बताया कि उन्हें फिल्म की शूटिंग के दौरान कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इसे पूरा किया.’मार्को’ ने दर्शकों को अपनी वॉयलेंट कहानी, एक्शन सीन्स और शानदार पिक्सल के साथ हैरान कर दिया था. इससे एक बात तो साफ़ हो जाती है की फिल्म की दुनिया जितनी चमकदार और अभिनय करना जितना आसन लगता है उतना होता नहीं है.