सीवान: सिवान जिले के जेपी चौक पर सोमवार को सैकड़ों शिक्षक इकट्ठा हुए और जोरदार प्रदर्शन किया। ये सभी शिक्षक बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की 2011 की संबद्धता नियमावली को लेकर नाराज थे। उनका कहना था कि यह नियमावली 715 अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों पर जबरन लागू की जा रही है, जो गलत है। प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और इस नियमावली को वापस लेने की मांग की। नाराज शिक्षकों ने नियमावली की एक प्रति जलाकर अपना विरोध जताया। इस प्रदर्शन में विजय सिंह, अरविंद कुमार सिंह, जगनारायण सिंह, बैजनाथ सिंह, नवीन कुमार राय, अजीत कुमार सिंह, यशवंत सिंह और श्याम सुंदर राम समेत लगभग दो दर्जन शिक्षक शामिल थे। शिक्षकों ने बताया कि ये 715 स्कूल साल 1970 से 2008 के बीच खोले गए थे और इनको राज्य सरकार से स्थापना की अनुमति और मान्यता मिली हुई है। ये स्कूल 1994 की स्वत्वधारक नियमावली के तहत चलते हैं।
जब 2008 में वित्त रहित शिक्षा नीति बंद हो गई, तब इन स्कूलों को अनुदान मिलने लगा और छात्रों को भी सरकारी योजनाओं का फायदा मिलने लगा। शिक्षकों का कहना है कि 1952 की परीक्षा समिति नियमावली के अनुसार मान्यता उन्हीं स्कूलों को मिलती है, जिन्हें सरकार ने अनुमति दी हो। ऐसे में 2011 की नई नियमावली को इन पर लागू करना गलत है। शिक्षकों के मुताबिक, 2011 की नियमावली केवल परीक्षा से जुड़ी है, इसमें न तो स्कूलों के संचालन का जिक्र है और न ही शिक्षकों या छात्रों को मिलने वाली आर्थिक सहायता का कोई प्रावधान है। अगर इसे जबरन लागू किया गया तो इन स्कूलों की मान्यता और संचालन पर असर पड़ेगा और शिक्षकों-छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। शिक्षकों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द उनकी मांगें नहीं मानीं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। फिलहाल, प्रशासन ने शिक्षकों का ज्ञापन स्वीकार कर कार्रवाई का भरोसा