बिहार सरकार के पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने सिविल सेवा परीक्षाओं (UPSC/BPSC) की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक अत्यंत लाभकारी पहल की घोषणा की है। इस पहल के तहत, बिहार सरकार ने छात्रों को निःशुल्क कोचिंग देने की व्यवस्था की है, जो पटना स्थित जननायक पुस्तकालय एवं राज्य डिजिटल अध्ययन केंद्र में संचालित होगी। यह योजना विशेष रूप से उन छात्रों के लिए है जो अपनी आर्थिक स्थिति के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए महंगे कोचिंग संस्थानों का सहारा नहीं ले सकते।
यह योजना बिहार के पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें छात्रों को न केवल निःशुल्क कोचिंग मिल रही है, बल्कि उन्हें 3,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी, जो उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवश्यक पुस्तकें और अध्ययन सामग्री खरीदने में मदद करेगी। इसके अलावा, चयनित उम्मीदवारों को निःशुल्क अध्ययन सामग्री, डिजिटल लाइब्रेरी, ऑनलाइन टेस्ट, प्रेरणा सत्र और मार्गदर्शन कार्यक्रम जैसी विभिन्न सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
इस कोचिंग योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक छात्र-छात्राओं को पहले एक चयन परीक्षा देनी होगी, जो 16 फरवरी 2025 को संभावित रूप से आयोजित की जाएगी। केवल वे छात्र-छात्राएं जो चयन परीक्षा में सफल होंगे, उन्हें 12 महीने की अवधि के लिए इस कोचिंग कार्यक्रम में प्रवेश मिलेगा। इस कोचिंग में 12 महीने की अवधि के दौरान छात्रों को UPSC/BPSC जैसी उच्च स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जरूरी मार्गदर्शन और शिक्षा दी जाएगी।
इस योजना में कुल 40% सीटें पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए और 60% सीटें अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षित की गई हैं। इसके तहत, केवल बिहार राज्य के वे छात्र-छात्राएं आवेदन कर सकते हैं, जिनकी परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपये तक है। इस योजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्ग के छात्रों को सिविल सेवा जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए एक सशक्त अवसर प्रदान करना है, ताकि वे भी सरकारी सेवाओं में प्रवेश प्राप्त कर सकें और देश की सेवा कर सकें।
यह पहल समाज के इन वर्गों के छात्रों को उनके सपनों को साकार करने के लिए एक मजबूत प्लेटफार्म प्रदान करती है, जिससे वे अपनी आर्थिक सीमाओं को पार कर सकें और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकें। बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह समाज में समानता और अवसर की भावना को भी बढ़ावा देती है।