सन 2000 में अस्तित्व में आया पठारी राज्य झारखण्ड में जहा उम्मीद से ज़्यादा और स्वागत योग्य मतदान हुआ है. आदिवासी बहुल क्षेत्र में मतदान के प्रति झुकाओ अपने आप में उन राज्य को आईना दिखाने का कार्य करेगी जो शिक्षित और शहरी इलाका माना जाता है। जहा सूर्य ढलने से पहले शाम के पहले तक़रीबन 3 बजे ही 59 % मतदान ने सबको चौका दिया है। जहा सूर्य ढलना अभी बाकी था वही सूर्य ढलने के बाद 66 % से ज़्यादा मतदान उम्मीद से कही ज़्यादा है झारखण्ड में जहा 2019 में विधानसभा चुनाव के अपेक्षा में यानी 2024 का चुनाव काफी ही मजेदार होने जा रहा ,अभी पहले चरण के 43 सीटों पर मतदान हुआ है वही दूसरे चरण 20 नवंबर को 43 सीटों पर मतदान किया जायेगा वही आर्थिक रूप से मजबूत और शिक्षा से लबरेज़ राज्यों का 60 %मतदान भी संतोष जनक माना जाता है। अगर देखा जाए तो सबसे ज़्यादा ग्रेजुएट नागरिक अमेरिका के लोग है आकड़ो का अनुमान लगाया जाए तो 100 में से 40 लोग स्नातक की डिग्री लेकर बैठे है और वहा भी 2020 में जब चुनाव हुआ था तो राष्ट्र्पति के लिए लोगों ने सिर्फ 66% ही अपना मतदान किया था और झारखण्ड में 66% मतदान लोगो ने किया है तो बाकी सभी राज्यों को झारखंडसे प्रेरणा जरूर मिलेगी। वही मतो की गड़ना 23 नवंबर को किया जायेगा, वही से पत्ता लगेगा की इंन्डी गठबंधन या NDA झारखण्ड की कमान संभाले गे, जिसमे झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस अपने दम पर 2019 में सरकार बनाये थे,उस समय 46 सीटे मिला था जिसमे झामुमो 30 और 16 कांग्रेस वही भाजपा 25 लाकर अपनी सत्ता गवा कर दूसरी बड़ी पार्टी बानी थी वही आज भी तीनो पार्टिया सक्रिय नज़र आ रही है। भाजपा 68 सीटों पर तो झुमामो 43 सीटों पर अपना किस्मत आजमा रही है लेकिन कांग्रेस के लिए फिर एक बार खुद को साबित करने का समय आ चूका है। कारण 30 सीटों पर कांग्रेस अपना दम आज़मा रही है। जीत या हार किसी का भी हो लेकिन सरकार तो गठबंधन का ही बनेगा ये तय हो चूका बाकि राज्यों की तरह झारखण्ड का चुनावी मुद्दा में नहीं बन पाता लेकिन बड़े बड़े दिग्गज चुनावी रण में अपना जलवा तो दिखा चुके है। वही विधानसभा चुनाव में ज़्यादा आकर्षण आज भी महाराष्ट्र के ही पास ही है। वही पुरे देश में बुधवार को 10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों और केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र भी चर्चा का विषय बना हुआ है। बजह राहुल की बहन प्रियंका बनी है. वही सब जगह मतदान सम्पन्न हो गया। राजस्थान में 7 विधानसभा तो पश्चिम बंगाल में 6 असम में पांच बिहार में 4 और केरल में 3 मध्य प्रदेश में 2 मेघालय गुजरात छत्तीसगढ़ कर्नाटक में एक एक वही सिक्किम में 2 सीटों पर मतदान फिलहाल रोक दिया गया है। कारण सिक्कीम क्रन्तिकारी मोर्चा के उमीदवार को निर्विरोध,जीत घोषित कर दिया गया। वायनाड से गांधी परिवार की प्रियंका वाड्रा ने अपना किस्मत आजमाया है। वही झारखण्ड के अपेक्षा सभी जगहों पर मतदान कम हुआ जो आज भी चुनाव आयोग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
लेखक के ये अपने विचार है
– आर्यन सिंह बाबू