
पूरे देश में 26 जनवरी का दिन गणतंत्र दिवस के रूप में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस खास मौके पर स्कूल, कॉलेज और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें छात्र और वक्ता देश की महानता और संविधान की महत्ता पर अपने विचार प्रस्तुत करते हैं.
76वें गणतंत्र दिवस की थीम “स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास” हमारे देश के गौरवशाली इतिहास और विकासशील भविष्य को दर्शाती है. यह दिन न केवल हमारे संविधान के लागू होने की स्मृति में मनाया जाता है, बल्कि यह हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों और कर्तव्यों की याद भी दिलाता है.
भारत ने 15 अगस्त 1947 को आजादी प्राप्त की और इसके बाद एक मजबूत और समानतापूर्ण देश को चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता पड़ी. संविधान को बनाने का श्रेय डॉ. भीमराव अंबेडकर सहित संविधान सभा के सदस्यों को जाता है, जिन्होंने इसे तैयार करने में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लिया. 26 जनवरी 1950 को इसे लागू कर भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया.
भारत का संविधान दुनिया के सबसे बेहतरीन और विस्तृत संविधानों में से एक है. यह प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्रता, समानता, और न्याय का अधिकार देता है. संविधान यह सुनिश्चित करता है कि हर व्यक्ति को समान अवसर मिले, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या वर्ग का हो.
यह दिन हमें हमारे कर्तव्यों और अधिकारों की याद दिलाता है. यह प्रत्येक नागरिक को प्रेरित करता है कि वे अपने देश के प्रति जिम्मेदारी निभाएं और एक मजबूत, एकजुट और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में योगदान दें.
गणतंत्र दिवस पर हमें यह भी याद रखना चाहिए कि स्वतंत्रता और लोकतंत्र की यह अनमोल विरासत हमें कुर्बानियों और संघर्षों के परिणामस्वरूप मिली है. हमें इसे बनाए रखने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भारत का निर्माण करने की दिशा में प्रयासरत रहना चाहिए.
इस 26 जनवरी, आइए हम सभी मिलकर देश की एकता और अखंडता की शपथ लें और “स्वर्णिम भारत” के सपने को साकार करने में अपना योगदान दें.
जय हिन्द जय भारत