इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बन गई है. बता दें कि इस समझौते के तहत, दोनों पक्ष बंधकों की अदला-बदली करेंगे. यह समझौता मिस्र और कतर की मदद से हुआ है, और इसे अमेरिका का भी समर्थन मिला है.
गाजा में 15 महीने से जारी इस्राइल और हमास के बीच युद्ध लगभग खत्म हो गया है. इस्राइल की कैबिनेट ने युद्ध विराम और दर्जनों बंधकों की रिहाई के समझौते को मंजूरी दे दी है. खबर है कि, इस फैसले के बाद गाजा में फंसे बंधकों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू होगी. समझौता तीन चरणों में पूरा होगा, जिसमें पहले चरण में इस्राइल के 33 बंधकों की रिहाई होगी, जबकि इस्राइल 250 फलस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा. इस्राइली सेना भी गाजा के कई इलाकों से पीछे हटेगी. जब कि इस्राइल के न्याय मंत्रालय ने रविवार को रिहा किए जाने वाले 95 फलस्तीनी कैदियों की सूची जारी कर दी है.
इस संघर्ष विराम समझौते को कतर और अमेरिका की मध्यस्थता में अंतिम रूप दिया गया. हालांकि, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि अंतिम समय में कुछ अड़चनें आई थीं, जिसके लिए उन्होंने हमास को जिम्मेदार ठहराया. कट्टरपंथी नेताओं के विरोध के बावजूद इस्राइली कैबिनेट के 24 मंत्रियों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि आठ ने विरोध किया.
इस्राइली अस्पतालों को बंधकों के इलाज के लिए तैयार किया गया है. चिकित्सा निदेशालय के प्रमुख डॉ. हगर मिजराही ने बताया कि बंधकों को बहुत खराब परिस्थितियों में रखा गया था, जिससे उनकी स्वच्छता और पोषण प्रभावित हुआ. लगभग 100 बंधकों में थाइलैंड, नेपाल और तंजानिया के नागरिक भी शामिल हैं.
गाजा के कई इलाकों से इस्राइली सेना की वापसी होगी, जिससे युद्ध के कारण विस्थापित फलस्तीनी नागरिक अपने घर लौट सकेंगे. हालांकि, क्षेत्र पूरी तरह तबाह हो चुका है. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि यदि पुनर्निर्माण कार्य बाधित हुआ तो गाजा को फिर से बसाने में 350 साल लग सकते हैं.
इस्राइल के दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर ने इस समझौते की आलोचना की और चेतावनी दी कि उनकी पार्टी ओत्जमा येहुदित सरकार से समर्थन वापस ले सकती है.
गाजा युद्ध में अब तक 46,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था, जब हमास ने इस्राइल पर हमला कर 1,200 लोगों को मार दिया और 250 को बंधक बना लिया था.
मिस्र ने इस्राइल और हमास से बिना देर किए संघर्ष विराम लागू करने की अपील की है. वहीं, फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों गाजा संघर्ष विराम वार्ता के लिए लेबनान पहुंचे हैं.