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JNU में ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की स्क्रीनिंग पर हंगामा, पथराव और पोस्टर फाड़े गए

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The Sabarmati Report' in JNU

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान बवाल मच गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) द्वारा आयोजित इस स्क्रीनिंग के दौरान कुछ छात्रों ने विरोध करते हुए पथराव किया और फिल्म के पोस्टर फाड़ दिए। ‘द साबरमती रिपोर्ट’ 2002 के गोधरा कांड और उसके बाद हुए गुजरात दंगों पर आधारित है। फिल्म का उद्देश्य गोधरा कांड के पीछे की कहानी को सामने लाना है। आलोचकों का कहना है कि यह फिल्म एकतरफा है, क्योंकि इसमें गोधरा कांड के पहले की घटनाओं को नजरअंदाज किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 दिसंबर को संसद के बालयोगी ऑडिटोरियम में फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग देखी थी। इस अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कई अन्य केंद्रीय मंत्री व सांसद मौजूद थे। पीएम मोदी ने फिल्म के मेकर्स की सराहना करते हुए इसे सच्चाई पर आधारित बताया। फिल्म के लीड एक्टर विक्रांत मैसी को ‘द साबरमती रिपोर्ट’ के लिए धमकियां मिलीं, जिनमें उनके परिवार और बच्चे को लेकर आपत्तिजनक बातें कही गईं। विक्रांत ने खुलासा किया कि इस विवाद से परेशान होकर उन्होंने फिल्मों से ब्रेक लेने का निर्णय किया है। उनका कहना है कि वे 2025 तक इंडस्ट्री से दूरी बना लेंगे। फिल्म की तारीफ करते हुए इसे गोधरा कांड की सच्चाई दिखाने वाला बताया। इसे प्रोपेगैंडा करार देते हुए एकतरफा दृष्टिकोण अपनाने का आरोप लगाया। स्क्रीनिंग के दौरान हुई हिंसा ने एक बार फिर JNU को सुर्खियों में ला दिया है। छात्रों का एक वर्ग फिल्म को प्रोपेगैंडा बताते हुए इसके विरोध में खड़ा है। मेकर्स का कहना है कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ गोधरा कांड की उन घटनाओं पर रोशनी डालने का प्रयास है, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि गुजरात दंगों पर चर्चा होती है, लेकिन गोधरा कांड की सच्चाई पर हमेशा चुप्पी साधी जाती है। ‘द साबरमती रिपोर्ट’ ने न केवल राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बहस छेड़ दी है, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में भी खलबली मचा दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह फिल्म और उससे जुड़ा विवाद क्या मोड़ लेता है।