विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके यूएई समकक्ष शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस चर्चा का उद्देश्य भारत और संयुक्त अरब अमीरात यूएई के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करना था। इसके साथ ही, बैठक में पश्चिम एशिया के मौजूदा संकट और सीरिया में हालिया तख्तापलट पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। पश्चिम एशिया में मौजूदा अस्थिरता ने बैठक को और महत्वपूर्ण बना दिया। सीरिया में अस्थिरता, तुर्की के हमले, इजरायल-ईरान के बढ़ते तनाव, और रूस की भूमध्य सागर तक पहुंच खोने जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया। 2022 में हस्ताक्षरित ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते सीईपीए की समीक्षा करते हुए उन्होंने इस सौदे के कारण व्यापार में आई तेजी और टैरिफ में हुई कटौती की सराहना की। जयशंकर ने यूएई के नए वीजा नियमों के कारण भारतीय नागरिकों को हो रही कठिनाइयों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने हाल ही में लागू किए गए सख्त नियमों जैसे होटल बुकिंग और क्यूआर कोड अनिवार्यता पर समाधान निकालने की आवश्यकता पर बल दिया। यह बैठक भारत और यूएई के संबंधों को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। रणनीतिक साझेदारी को सुदृढ़ करने के साथ-साथ व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों में भी नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त हुआ।