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तबादला प्रक्रिया में पारदर्शिता, शिक्षकों को मिलेगा बिना तनाव काम करने का मौका

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Transparency in transfer process

बिहार के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया में अब तक 60,205 शिक्षकों ने अपने तबादले के लिए आवेदन किया है। इनमें सबसे ज्यादा 50,293 आवेदन आवास से दूर वर्तमान पोस्टिंग के कारण किए गए हैं। इसके अलावा, गंभीर बीमारी के कारण 790, असाध्य रोग (कैंसर आदि) के लिए 271, विशेष रूप से सक्षम शिक्षकों द्वारा 2,454, ऑटिज्म या मानसिक रूप से सक्षम बच्चों के कारण 481, विधवा और तलाकशुदा शिक्षकों के लिए 416, और पति/पत्नी की पोस्टिंग के आधार पर 5,500 शिक्षकों ने तबादले के लिए आवेदन किया है। शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि विभाग इस प्रक्रिया को गंभीरता से ले रहा है। शिक्षकों को उनके द्वारा चुने गए विकल्पों के आसपास ही नया स्कूल आवंटित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग का उद्देश्य है कि शिक्षक बिना किसी तनाव के बेहतर तरीके से बच्चों को पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर सकें। डॉ. सिद्धार्थ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई शिक्षक राज्य के एक कोने से दूसरे कोने में ट्रांसफर चाहते हैं, जैसे अररिया से कैमूर, तो इसमें विभाग को कोई आपत्ति नहीं है। उनका कहना है कि विभाग का जोर शिक्षकों की कार्यक्षमता और बच्चों की पढ़ाई को सुनिश्चित करने पर है। शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर विभाग का उदार रुख अपनाया गया है। प्रमुख सचिव ने कहा कि जनवरी के पहले सप्ताह तक शिक्षकों को उनके मनपसंद स्थान पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसके बाद संबंधित शिक्षक आवंटित स्कूल में योगदान देंगे। इस प्रक्रिया के तहत शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए उनके द्वारा दिए गए विकल्पों के आधार पर स्कूल आवंटन किया जाएगा। विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी शिक्षकों को उनके अनुरूप स्थानांतरित किया जाए ताकि वे बिना किसी तनाव के अपना काम बेहतर तरीके से कर सकें। गौरतलब है कि 10 दिसंबर तक स्थानांतरण के लिए प्राप्त 60,205 आवेदनों में सबसे ज्यादा आवेदन ऐसे शिक्षकों के हैं जो अपने कार्यस्थल से घर की दूरी को कम करना चाहते हैं। शिक्षा विभाग ने इस बात पर जोर दिया है कि इस प्रक्रिया को सुचारू और तेज़ी से पूरा किया जाएगा ताकि बच्चों की पढ़ाई पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव न पड़े। शिक्षा विभाग की इस पहल से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक बेहतर और प्रभावी शैक्षणिक माहौल बनाने की उम्मीद है।