भागलपुर के नाथनगर स्थित गोसाईंदासपुर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मथुरापुर में मिड डे मील की अव्यवस्था का असर सीधे छात्रों पर पड़ रहा है। पढ़ाई का हाल तो अलग, अब बच्चों को समय पर भोजन भी नहीं मिल रहा है। मंगलवार को लगभग दो दर्जन बच्चे, जिन्हें मिड डे मील नहीं मिला, थाली पीटते हुए स्थानीय थाने पहुंच गए। बच्चों ने थानेदार से अपनी समस्या को लेकर शिकायत की और कहा कि स्कूल में भोजन की व्यवस्था बिल्कुल भी संतोषजनक नहीं है। थानेदार ने बच्चों को समझा-बुझाकर स्कूल वापस भेजा और मामले की जांच के लिए एक अधिकारी को स्कूल भेजा। सातवीं कक्षा की काजल कुमारी और छठी कक्षा की गीता कुमारी ने बताया कि स्कूल में भोजन की गुणवत्ता खराब होती है। शुक्रवार को खाना अच्छा बनता है, लेकिन तब भी दर्जनों बच्चों को भोजन नहीं मिल पाता। बच्चों ने बताया कि मंगलवार को जब वे खाना लेने पहुंचे, तो उन्हें कहा गया कि खाना खत्म हो गया है। स्कूल के प्रभारी प्राचार्य राजीव कुमार ने बताया कि मंगलवार को स्कूल में 363 बच्चे उपस्थित थे। भोजन वितरण के दौरान लगभग आधा दर्जन बच्चों के लिए खाना कम पड़ गया। प्राचार्य ने आरोप लगाया कि इस मामले को अनावश्यक रूप से तूल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साढ़े 12 बजे टिफिन होता है, और कुछ बच्चे घर चले जाते हैं, जिससे यह समस्या उत्पन्न होती है। मुखिया प्रतिनिधि सच्चिदानंद शर्मा ने वार्ड सदस्य पिंकू पासवान द्वारा स्कूल में भोजन बनाने और वितरण की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब से वार्ड सदस्य यह काम संभाल रहे हैं, तब से समस्याएं बढ़ गई हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूल प्रबंधन को वार्ड सदस्य को इस प्रक्रिया से हटाकर नई व्यवस्था लागू करनी चाहिए। इस घटना ने स्कूल में मिड डे मील की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रों का थाने जाना और अपनी नाराजगी जताना इस बात का संकेत है कि बच्चों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। प्रशासन को इस मामले में तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों को बिना किसी परेशानी के समय पर भोजन मिल सके और उनकी शिक्षा पर इसका प्रभाव न पड़े।