कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ राजनेता एस.एम. कृष्णा का मंगलवार सुबह उनके बेंगलुरु स्थित आवास पर निधन हो गया। 92 वर्षीय कृष्णा लंबे समय से अस्वस्थ थे और आज तड़के 2:45 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि एस.एम. कृष्णा एक उत्कृष्ट नेता और राष्ट्रभक्त थे। उनके योगदान को देश हमेशा याद रखेगा। 1 मई 1932 को कर्नाटक के मांड्या जिले के सोमनहल्ली में जन्मे एस.एम. कृष्णा ने राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई। कर्नाटक के मुख्यमंत्री, केंद्रीय विदेश मंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में उनकी सेवाएं अमूल्य थीं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस से की और अपने अंतिम वर्षों में भाजपा में शामिल हो गए। कर्नाटक में मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने बेंगलुरु को वैश्विक आईटी हब के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में राज्य ने कई उपलब्धियां हासिल कीं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “एस.एम. कृष्णा जी के निधन की खबर से दुखी हूं। उन्होंने कर्नाटक और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।” कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा, “उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व की छवि हमेशा हमारे दिलों में रहेगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने उन्हें “अजातशत्रु” बताते हुए कहा, “उनकी नीतियां और विचार कर्नाटक के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। एस.एम. कृष्णा के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव मद्दुर ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिवार और अनुयायियों ने उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें भावभीनी विदाई देने की तैयारी की है। एस.एम. कृष्णा का निधन न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका जीवन और योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।