रांची: राजधानी रांची के करमटोली स्थित आदिवासी छात्रावास को अब नया रूप मिलने जा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को 520 शय्या वाले नए आदिवासी छात्रावास के निर्माण के लिए भूमि पूजन कर आधारशिला रखी। इस मौके पर आदिवासी कल्याण मंत्री चमरा लिंडा और राज्यसभा सांसद महुआ माजी भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं को संबोधित कर राज्य सरकार की योजनाओं और प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि करमटोली छात्रावास में लंबे समय से छात्रों को बेड की कमी, खराब भवन और सीमित सुविधाओं जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। उन्होंने स्वीकार किया कि छात्रों की परेशानियों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने नया छात्रावास बनाने का निर्णय लिया है। यह नया भवन 520 बेड के साथ आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा और वर्ष 2027 तक पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे पढ़ाई में पूरी तरह ध्यान दें, बाकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
उन्होंने कहा कि गरीब और पिछड़े तबकों से आने वाले युवाओं को आगे बढ़ने का भरपूर मौका दिया जाएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य के हर जिले में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर पुस्तकालयों का निर्माण कराया जाएगा, जहां छात्रों को अध्ययन के लिए विश्वस्तरीय संसाधन उपलब्ध होंगे। भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए कल्याण विभाग के तहत संचालित सभी छात्रावासों में पौष्टिक भोजन की व्यवस्था शुरू की है। उन्होंने कहा कि पहले कभी भी छात्रावासों में इस तरह की योजना नहीं थी, लेकिन उनकी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर विद्यार्थी को स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण मिले। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य के वंचित और पिछड़े वर्ग के बच्चों को आगे लाना है। शिक्षा, आवास, भोजन और संसाधनों के मामले में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि करमटोली स्थित छात्रावास को न केवल आधुनिक बनाया जाएगा, बल्कि इसमें स्थानीय संस्कृति और आदिवासी परंपराओं की झलक भी देखने को मिलेगी।