जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह जल्द ही प्रशांत किशोर की पार्टी में शामिल हो सकते हैं. करीब सात महीने पहले उन्होंने अपनी खुद की पार्टी ‘आसा’ (आशा और सामाजिक उत्थान) की शुरुआत की थी. उस समय उन्होंने दावा किया था कि उनकी पार्टी से 140 लोग चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. साथ ही उन्होंने कहा था कि उनका संगठन प्रखंड से लेकर जिला और राज्य स्तर तक मजबूत होगा और मिस कॉल के जरिए सदस्यता अभियान चलाया जाएगा. अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि आरसीपी सिंह प्रशांत किशोर के साथ जा सकते हैं. आरसीपी सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके हैं, लेकिन राजनीति में इनकी पहचान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा दी गई. हालांकि नीतीश कुमार से मनमुटाव होने के बाद इन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और फिर भाजपा द्वारा दरकिनार किए जाने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाने की घोषणा कर दी. पार्टी की घोषणा करने के बाद सिंह ने कहा था कि पार्टी लोगों की आशा बनेगी. उन्होंने कहा था कि बिहार का विकास उनका मुख्य लक्ष्य होगा.
बिहार में उद्योग लगाने की प्राथमिकता होगी. बिहार में अनेक स्रोत है, लेकिन बिहार के लोग और नेता बालू से आगे नहीं बढ़ रहे हैं, जबकि यहां अनेक संभावना है. सोना का भंडार भी बिहार में है, यदि वो कुछ दिन मंत्री रहते तो उस पर भी काम शुरू हो जाता. सिंह ने कहा था कि संगठन को बढ़ाने और मजबूत करने वो जोर दे रहे हैं. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी बूथ स्तर तक जाकर काम करेगी. लेकिन पार्टी के ऐलान के 7 महीने के बाद ही खबर आ रही है कि वो जन सुराज से साथ जाने वाले हैं. आरसीपी सिंह ने दावा करते हुए कहा था कि हमारी पार्टी का संविधान अन्य पार्टियों से अलग होगा. भारतीय संविधान के प्रति शपथ लेनी होती है, जो भारतीय संविधान की मूल भावना है देश की एकता, अखंडता है. संविधान में जितनी महत्वपूर्ण भावनाएं हैं, जो सिद्धांत हैं, उसे हम लोगों ने अपनी पार्टी के संविधान में शामिल किया है. 2025 का जो चुनाव होगा, उसमें हमारे साथी जो मजबूती से लड़ना चाहते हैं, वह चुनाव लड़ेंगे.