केंद्रीय मंत्री संजय सेठ को जान से मारने की धमकी और 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का गंभीर मामला सामने आया है। मंत्री ने खुद इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें एक धमकी भरा संदेश मिला, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी और 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। धमकी मिलने के बाद, संजय सेठ ने तुरंत दिल्ली पुलिस और झारखंड के डीजीपी को सूचित किया और इस मामले की जानकारी दी। इस संदर्भ में दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी उनसे मिलने पहुंचे और मामले की गंभीरता को समझते हुए पूरी जानकारी ली। रांची के विधायक सीपी सिंह ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे बेहद गंभीर मामला बताया और राज्य प्रशासन से मांग की कि वे इस मामले की गहनता से जांच करें। सीपी सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को धमकी देने वाले तत्वों को बेनकाब करने के लिए प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से केंद्रीय मंत्री को उचित सुरक्षा देने की अपील भी की, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचाव हो सके। झारखंड कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने भी इस मामले को गंभीर बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय से त्वरित कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को अपनी एजेंसियों को सक्रिय करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह की धमकियां देने वाले लोगों का पर्दाफाश हो सके। संजय सेठ, जो कि केंद्र सरकार में रक्षा राज्य मंत्री और रांची लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं, ने इस धमकी के बाद मीडिया से बात की और कहा कि उन्हें इन धमकियों से कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा, “मुझे इन धमकियों से डर नहीं है। मैंने दिल्ली पुलिस और झारखंड डीजीपी को इस मामले की पूरी जानकारी दे दी है और वे इसे गंभीरता से देख रहे हैं। यह घटना शुक्रवार की दोपहर करीब चार बजे हुई थी, जब केंद्रीय मंत्री को एक मोबाइल संदेश (SMS) के जरिए धमकी दी गई थी, जिसमें 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई और अगर यह नहीं दी जाती तो उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई। संदेश में “लाल सलाम” का भी जिक्र किया गया था, जो इसे और भी संवेदनशील बनाता है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटनाक्रम ने राज्य सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय से कार्रवाई की उम्मीदें बढ़ा दी हैं, क्योंकि केंद्रीय मंत्री को मिली धमकी सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की क्षमता पर सवाल खड़े करती है। इस गंभीर मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जरूरत महसूस की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और सुरक्षा में कोई चूक न हो।