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दिल्ली विधानसभा 2025, बीजेपी का नया नारा, आम आदमी पार्टी को हराने के लिए पूरी तरह तैयार

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Delhi Assembly 2025, BJP's new slogan

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी रणनीति को पूरी तरह से नया रूप दिया है। बीजेपी ने ‘नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे’ नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान किया है। इस बार बीजेपी का पूरा जोर आम आदमी पार्टी आप के 10 साल पुरानी सत्ता को चुनौती देने पर है। चुनावी रण में प्रदूषण, भ्रष्टाचार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाकर दिल्ली की जनता को एक मजबूत संदेश देने की कोशिश की जा रही है। बीजेपी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की 10 साल पुरानी सत्ता को चुनौती देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पार्टी भ्रष्टाचार, वायु प्रदूषण, यमुना नदी में प्रदूषण, आयुष्मान योजना और अन्य कई मुद्दों पर आम आदमी पार्टी को घेर रही है। इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला त्रिकोणीय होगा, जिसमें कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच भी संभावित गठबंधन की चर्चा हो रही है। दिल्ली में मुख्यमंत्री पद पर 2013 से आम आदमी पार्टी का दबदबा रहा है। इस बार, आम आदमी पार्टी अकेले 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। पिछले कुछ समय से पार्टी के भीतर गठबंधन को लेकर कई अटकलें थीं, लेकिन अब ये साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी इस चुनाव में अकेले ही अपनी पूरी ताकत लगाएगी। बीजेपी ने इस चुनाव में अपने नए तेवर को पेश करते हुए, दिल्ली के हर विधानसभा क्षेत्र में ‘परिवर्तन यात्रा’ निकालने का ऐलान किया है, जो 8 दिसंबर से शुरू होगी। यह यात्रा दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। पार्टी का कहना है कि दिल्ली की जनता इस बार बदलाव चाहती है और बीजेपी इस बदलाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है। बीजेपी का नया नारा ‘नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे’ दिल्ली में चुनावी माहौल को गरमाने का काम कर रहा है। यह नारा दिल्लीवासियों को यह संदेश दे रहा है कि इस बार दिल्ली में बदलाव आएगा और बीजेपी पूरी ताकत से आम आदमी पार्टी को हराने के लिए मैदान में उतरी है। बीजेपी का यह नारा न सिर्फ चुनावी प्रचार का हिस्सा है, बल्कि यह पार्टी की मजबूत रणनीति और जनता से सीधे संवाद का प्रतीक भी है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में मुकाबला त्रिकोणीय रहेगा, जिसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बीजेपी शामिल होंगे। यह चुनावी संघर्ष न सिर्फ दिल्ली के भविष्य को निर्धारित करेगा, बल्कि देशभर में राजनीतिक हलचल को भी प्रभावित करेगा। इस चुनाव में सभी पार्टियों की नजर दिल्ली की सत्ता पर होगी और जनता के फैसले से यह साफ हो जाएगा कि दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी।

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