झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को अपनी सरकार के मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया। इस प्रक्रिया में मुख्यमंत्री ने राज्य के प्रमुख और महत्वपूर्ण विभागों को अपने पास रखा है। इनमें गृह विभाग, कैबिनेट सचिवालय, सड़क निर्माण, भवन निर्माण, कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग शामिल हैं। इसके अलावा, अभी तक जिन विभागों का आवंटन नहीं हुआ है, वे भी मुख्यमंत्री के पास रहेंगे। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, कांग्रेस के विधायक राधाकृष्ण किशोर को वित्त विभाग का प्रभार दिया गया है। वित्त विभाग को सरकार की नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन में अहम भूमिका माना जाता है। इसी तरह, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता चमरा लिंडा को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण जैसे संवेदनशील और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा सौंपा गया है। राष्ट्रीय जनता दल राजद के विधायक संजय प्रसाद यादव को श्रम, रोजगार और प्रशिक्षण विभाग का प्रभार दिया गया है, जो राज्य में रोजगार सृजन और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं, कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी को स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण विभाग सौंपा गया है। यह विभाग राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने और चिकित्सा सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गौरतलब है कि गुरुवार को हेमंत सोरेन सरकार में कुल 11 मंत्रियों ने शपथ ली थी। मंत्रिमंडल में झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल राजद के विधायकों को जगह दी गई है। इससे पहले, हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनकी सरकार ने राज्य में विकास कार्यों को प्राथमिकता देने और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए विशेष योजनाएं लागू करने की प्रतिबद्धता जताई है। मुख्यमंत्री द्वारा विभागों के इस बंटवारे से यह साफ होता है कि उन्होंने राजनीतिक गठबंधन के संतुलन और प्रशासनिक कुशलता को ध्यान में रखते हुए विभागों का आवंटन किया है। इस निर्णय से सरकार की प्राथमिकताएं और आगामी योजनाओं की रूपरेखा भी स्पष्ट होती है।