यूक्रेन और अमेरिका के बीच मंगलवार को सऊदी अरब में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हो रही है, जिसमें यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए सीमित संघर्षविराम का प्रस्ताव रखेगा। यह संघर्षविराम विशेष रूप से काला सागर क्षेत्र और लंबी दूरी की मिसाइल हमलों को रोकने पर केंद्रित होगा। इसके साथ ही, युद्ध में पकड़े गए कैदियों की रिहाई पर भी चर्चा होगी।
बैठक का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन और रूस के बीच तीन साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक समाधान खोजना है। इस बैठक में यूक्रेन और अमेरिका के बीच यूक्रेन की दुर्लभ खनिज संपदाओं तक अमेरिका की पहुंच के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना भी है। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समझौते में विशेष रुचि रखते हैं।
इससे पहले, 28 फरवरी को वाशिंगटन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बैठक तनावपूर्ण रही थी। इस तनाव के चलते अमेरिका ने यूक्रेन को दी जा रही सैन्य और खुफिया सहायता रोक दी थी। अब इस सहायता की बहाली के लिए यूक्रेन कूटनीतिक पहल कर रहा है और संघर्षविराम की पेशकश कर रहा है।
यूक्रेन की ओर से राष्ट्रपति जेलेंस्की की टीम में प्रमुख सलाहकार एंड्री यरमाक, विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा और रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव शामिल हैं। वहीं, अमेरिका की ओर से बैठक का नेतृत्व विदेश मंत्री मार्को रूबियो करेंगे, जिनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज भी मौजूद रहेंगे।
इस बैठक से पहले राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी। जेलेंस्की ने इस मुलाकात के बाद कहा, “हमने युद्ध समाप्त करने और स्थायी शांति स्थापित करने के लिए जरूरी शर्तों पर विस्तृत चर्चा की। सऊदी अरब इस वार्ता के लिए एक अहम मंच बन चुका है और यूक्रेन इसका आभार व्यक्त करता है।”
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि अमेरिका यह समझना चाहता है कि यूक्रेन शांति वार्ता के लिए कितना तैयार है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को इस युद्ध में भारी नुकसान हुआ है और यह लड़ाई उनके लिए बहुत कठिन रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए कुछ समझौते आवश्यक होंगे।
रूबियो ने आगे कहा कि अमेरिका यूक्रेन की स्थिति सुनेगा और फिर रूस के रुख की तुलना करेगा, जिससे यह आकलन किया जा सके कि दोनों पक्ष कितने दूर हैं। अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली आक्रामक खुफिया जानकारी रोक दी है, हालांकि रक्षा से जुड़ी खुफिया जानकारी अभी भी साझा की जा रही है।
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि सऊदी अरब में होने वाली वार्ता के बाद इस प्रतिबंध में ढील दी जा सकती है। यदि आज की बैठक में यूक्रेन और अमेरिका किसी समझौते पर पहुंचते हैं, तो यह रूस के साथ शांति वार्ता को गति दे सकता है। हालांकि, रूस की स्थिति और उसकी शर्तें क्या होंगी, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है।