
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम की पर्वतमाला परियोजना के तहत सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस महत्वपूर्ण फैसले की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। फिलहाल, सोनप्रयाग से केदारनाथ पहुंचने में 8-9 घंटे लगते हैं, लेकिन इस रोपवे के बनने के बाद यह यात्रा मात्र 36 मिनट में पूरी हो सकेगी। इस रोपवे में एक बार में 36 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी, जिससे तीर्थयात्रियों को तेज़, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
लागत: ₹4,081 करोड़
लंबाई: 12.9 किमी
निर्माण मॉडल: डिज़ाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (DBFOT) मोड
तकनीक: उन्नत ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3S) तकनीक
प्रति घंटे 1,800 यात्री प्रति दिशा (PPHPD)
प्रतिदिन 18,000 यात्री यात्रा कर सकेंगे
विकास मॉडल: सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के तहत निर्माण
यह रोपवे परियोजना स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी। निर्माण और संचालन के दौरान आतिथ्य, यात्रा, खाद्य एवं पेय (F&B) और पर्यटन उद्योगों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 3,583 मीटर (11,968 फीट) की ऊंचाई पर स्थित 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
वर्तमान में गौरीकुंड से 16 किमी की कठिन चढ़ाई
पैदल
टट्टू
पालकी
हेलीकॉप्टर
के माध्यम से पूरी की जाती है। यह मंदिर अक्षय तृतीया (अप्रैल-मई) से दिवाली (अक्टूबर-नवंबर) तक खुला रहता है और हर साल लगभग 20 लाख श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।