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बिहार की अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार, दो दशकों में 15 गुना बढ़ा राजस्व

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Bihar's economy picks up pace, revenue increases 15 times in two decades

बिहार ने आर्थिक प्रगति में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। पिछले दो दशकों में राज्य की राजस्व प्राप्ति में 15 गुना की बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2005-06 में राज्य की अपनी कर प्राप्ति केवल 3,561 करोड़ रुपये थी, जो 2023-24 में बढ़कर 53,618 करोड़ रुपये हो गई। यह राज्य की मजबूत आर्थिक नीतियों और बढ़ती विकास दर का प्रमाण है।

बिहार सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, 2023-24 में कुल राजस्व प्राप्ति 1,93,347 करोड़ रुपये रही, जबकि सरकार ने बजट का आकार बढ़ाकर 2,61,885.40 करोड़ रुपये कर दिया। इससे साफ है कि बिहार की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है।

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बिहार की राजस्व वृद्धि में शानदार उपलब्धि!

आर्थिक विकास के मामले में बिहार ने जबरदस्त प्रगति की है। 2024-25 में बिहार को कुल 2,26,798 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति होने का अनुमान है। इसमें

✔ कर से: ₹1,67,312 करोड़
✔ कर-इतर राजस्व से: ₹7,326 करोड़
✔ सहायता अनुदान एवं अंशदान से: ₹52,161 करोड़

यह दर्शाता है कि बिहार अब आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। पहले राज्य की आय का बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि पर निर्भर था, लेकिन अब अपनी कर-आधारित आय में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है।

विकास दर में बिहार ने बनाई मजबूत स्थिति!

बिहार की अर्थव्यवस्था की विकास दर देश के कई बड़े राज्यों से अधिक रही है।

2023-24 में स्थिर मूल्य पर बिहार की विकास दर 9.2% रही। तुलना करें तो—

▶ आंध्र प्रदेश: 7.4%
▶ झारखंड: 7.5%
▶ उत्तर प्रदेश: 7.5%
▶ महाराष्ट्र: 7.6%

बिहार की विकास दर इन सभी राज्यों से अधिक है, जो यह दर्शाता है कि राज्य की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूती की ओर बढ़ रही है।

किन क्षेत्रों से मिल रहा है बिहार को सबसे ज्यादा फायदा?

बिहार की अर्थव्यवस्था में तीन प्रमुख क्षेत्रों का योगदान है—

1️⃣ प्राथमिक क्षेत्र (कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन) – 19.9%
2️⃣ द्वितीयक क्षेत्र (उद्योग, बिजली, गैस, जल आपूर्ति, निर्माण कार्य) – 21.5%
3️⃣ तृतीयक क्षेत्र (व्यापार, परिवहन, होटल, रेलवे और अन्य सेवाएं) – 58.6%

तृतीयक क्षेत्र यानी व्यापार और सेवाएं बिहार की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा स्तंभ बनकर उभरा है। हालांकि, कृषि और उद्योग भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

बिहार में प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी!

बिहार में प्रति व्यक्ति आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

✔ 2023-24 में बिहार की प्रति व्यक्ति आय ₹66,828 तक पहुंच गई।
✔ यह स्थिर मूल्य पर 7.6% की वृद्धि को दर्शाता है।

हालांकि, यह अभी भी अन्य विकसित राज्यों की तुलना में कम है, लेकिन लगातार बढ़ रही है। इसका मतलब है कि बिहार के लोगों की आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हो रही है।

क्या कहता है बिहार का बजट?

बिहार सरकार ने 2024-25 के लिए ₹2,61,885.40 करोड़ का बजट पेश किया है। इसका मुख्य उद्देश्य—

✔ सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार
✔ शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
✔ नए उद्योगों और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा

सरकार का दावा है कि इन योजनाओं से आने वाले वर्षों में बिहार की अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी।

बिहार की इस तरक्की का क्या मतलब है?

बिहार की अर्थव्यवस्था में तेज़ी से हो रहे सुधार का असर हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है—

✅ नए उद्योग और बिज़नेस के लिए बेहतर अवसर
✅ बुनियादी ढांचे में सुधार से लोगों की जिंदगी आसान
✅ शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में उल्लेखनीय प्रगति
✅ रोजगार के नए अवसरों में वृद्धि

बिहार सरकार का कहना है कि आने वाले वर्षों में यह विकास दर और तेज होगी।

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