दिल्ली विधानसभा सत्र का दूसरा दिन राजनीतिक दृष्टि से काफी अहम होने वाला है, जिसमें सत्ता और विपक्ष दोनों के बीच तीव्र टकराव की संभावना है। सत्र की शुरुआत उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण से होगी। वे अपनी सरकार के विकास कार्यों, योजनाओं और आगामी दिशा-निर्देशों के बारे में सदन को अवगत कराएंगे। एक अहम पहलू यह है कि उपराज्यपाल अपनी सरकार का रोडमैप पेश कर सकते हैं, खासकर यमुना सफाई जैसे मुद्दे पर भी सरकार का पक्ष रख सकते हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राजनिवास पहुंचकर उपराज्यपाल से मुलाकात की थी, जिससे यह प्रतीत होता है कि यह मुद्दा सरकार के लिए प्राथमिकता पर है और सदन में इसे उठाया जा सकता है।
दूसरी ओर, विधानसभा सत्र में विपक्षी दलों की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद जताई जा रही है। इस दिन सदन पटल पर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़, यानी सीएजी (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट पेश की जाएगी। इस रिपोर्ट में पिछली सरकार के वित्तीय कार्यों और भ्रष्टाचार से संबंधित कई मुद्दों का जिक्र किया गया है। भाजपा ने बार-बार यह आरोप लगाया है कि सीएजी रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होगा। पार्टी का कहना है कि इस रिपोर्ट में सभी विभागों के भ्रष्टाचार का लेखा-जोखा होगा, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, शराब घोटाले और शीश महल जैसे मुद्दे शामिल होंगे। इन आरोपों के आधार पर, भाजपा को उम्मीद है कि इस रिपोर्ट के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार की कलई खुल जाएगी, और जनता के सामने कई महत्वपूर्ण भ्रष्टाचार के मामले आएंगे।
वहीं, विपक्षी दलों की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया की संभावना है। विपक्ष का दावा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली के बजट में वृद्धि की है, जो भाजपा शासित राज्यों में नहीं देखी जाती। यह विपक्ष यह साबित करने की कोशिश करेगा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने वित्तीय स्थिति को बेहतर किया है, और सरकारी खजाना खाली नहीं हुआ है, जैसा भाजपा हमेशा आरोप लगाती रही है। नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने हाल ही में यह साफ किया था कि सरकार के खजाने में वृद्धि हुई है, न कि कमी आई है। ऐसे में विपक्ष इस बात को साबित करने में जुटी रहेगी कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने कार्यकाल में वित्तीय प्रबंधन में कोई चूक नहीं की है।
इसके साथ ही, विपक्ष उपराज्यपाल वीके सक्सेना के प्रशासन को भी घेरने की कोशिश कर सकती है। आम आदमी पार्टी और विपक्ष के बीच इन सब मुद्दों को लेकर विवाद का दौर चल सकता है। दोनों पक्षों का मुख्य लक्ष्य जनता के बीच अपनी छवि को बेहतर तरीके से पेश करना है, ताकि आगामी चुनावों में जनता के समर्थन को हासिल किया जा सके।