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काजीरंगा में विदेश मंत्री एस जयशंकर और मिशन प्रमुखों की हाथी सफारी, वन्य जीवन के बीच बिताए अद्भुत पल

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Elephant safari of External Affairs Minister S Jaishankar and mission chiefs in Kaziranga

भारत के विदेश मंत्री, डॉ. एस जयशंकर, ने सोमवार सुबह 61 देशों के मिशन प्रमुखों के साथ असम के प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एक अद्वितीय और रोमांचक अनुभव का हिस्सा बने। यह दौरा रविवार रात को जोरहाट पहुंचे इन राजनयिकों के लिए एक विशेष अवसर था। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, जो यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है, अपनी जैव विविधता और एक सींग वाले गैंडे (राइनो) के लिए प्रसिद्ध है, और यह यात्रा इस अद्वितीय स्थान का अनुभव करने के लिए राजनयिकों को एक नए दृष्टिकोण से जोड़ने का एक प्रयास था।

सोमवार की सुबह, इन मिशन प्रमुखों और विदेश मंत्री ने पार्क के केंद्रीय रेंज कोहोरा में हाथी सफारी का आनंद लिया। इस दौरान, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने काजीरंगा के प्रसिद्ध हाथी प्रद्युम्न पर सवारी की, जो इस सफारी का एक आकर्षक हिस्सा था। प्रद्युम्न, जो एक विशाल और शांतिपूर्ण हाथी है, इस सफारी में पर्यटकों को खास अनुभव प्रदान करता है। हाथी सफारी के बाद, सभी ने पार्क के अंदर जीप सफारी का आनंद लिया, जो काजीरंगा के अद्भुत वन्य जीवन और प्राकृतिक सौंदर्य को नजदीक से देखने का एक और तरीका था।

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जीप सफारी के बाद, विदेश मंत्री और कुछ अन्य राजदूतों को हाथियों को खाना खिलाते हुए भी देखा गया। यह एक दिलचस्प और सहज अनुभव था, जिसमें राजनयिकों को असम के ग्रामीण जीवन और प्रकृति के साथ गहरे संबंध स्थापित करने का मौका मिला। इस दौरान असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा, काजीरंगा लोकसभा सांसद कामाख्या प्रसाद तासा, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की निदेशक सोनाली घोष और डीएफओ अरुण विग्नेश भी मेहमानों के साथ थे और उन्हें इस अद्वितीय अनुभव का हिस्सा बनाया।

यह यात्रा असम के पर्यटन और वन्यजीव संरक्षण के महत्व को उजागर करने का भी एक प्रयास था। काजीरंगा का यह दौरा पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाने और असम की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने का एक बेहतरीन तरीका है। विदेशी राजनयिकों के साथ यह विशेष सफारी, असम की असाधारण वन्य जीवन और प्राकृतिक सौंदर्य को एक वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर था।

सफारी के बाद, विदेश मंत्री और अन्य राजदूत गुवाहाटी के लिए रवाना हुए, जहां शाम को 9,000 कलाकारों द्वारा प्रस्तुत झुमोर नृत्य का आयोजन किया जाएगा। इस नृत्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे, और यह कार्यक्रम असम की सांस्कृतिक धरोहर को मान्यता देने का एक बड़ा अवसर है। यह झुमोर नृत्य असम के लोक नृत्य परंपरा का एक प्रमुख हिस्सा है, जो राज्य की संस्कृति और कला को विश्वभर में पहचान दिलाने में मदद करेगा।

इसके अलावा, मंगलवार को मिशन प्रमुखों को ‘एडवांटेज असम 2.0’ अवसंरचना और निवेश शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लेने का भी अवसर मिलेगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य असम में औद्योगिक और व्यापारिक निवेश को बढ़ावा देना है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए ‘X’ पर पोस्ट किया कि इस यात्रा से राज्य में गहन विदेशी सहयोग के द्वार खुलेंगे, और असम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सम्मान मिलेगा।

इस यात्रा ने असम के पर्यटन, वन्यजीव संरक्षण और आर्थिक विकास के लिहाज से महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किए हैं। काजीरंगा में विदेशी राजनयिकों का स्वागत और उन्हें स्थानीय संस्कृति, वन्यजीवों और असम के अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कराना, राज्य की छवि को वैश्विक स्तर पर और अधिक उजागर करेगा।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इस यात्रा को ऐतिहासिक बताया और राज्य में गहरी विदेशी सहयोग की संभावना को बढ़ावा दिया है। उनके अनुसार, यह यात्रा असम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, क्योंकि इससे राज्य में निवेश, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।

इस यात्रा के माध्यम से, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और असम की अन्य प्राकृतिक धरोहरें दुनिया भर में एक नई पहचान हासिल कर सकती हैं, और विदेशी राजनयिकों से मिलने वाले अनुभव से राज्य के लिए आने वाले समय में कई अवसरों के दरवाजे खुल सकते हैं।

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