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सूरज बड़जात्या: 35 साल के फिल्मी सफर में सुपरहिट फिल्मों से ओटीटी तक की यात्रा

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Sooraj Barjatya: Journey from superhit films to OTT in 35 years of film journey

फिल्म निर्माता सूरज बड़जात्या भारतीय सिनेमा के सबसे सफल और प्रतिष्ठित निर्देशकों में से एक माने जाते हैं। आज 22 फरवरी को उनका जन्मदिन है, और इस खास मौके पर हम आपको उनके फिल्मी सफर के बारे में बताते हैं, जो प्रेरणादायक और शानदार है। सूरज बड़जात्या ने हमेशा पारिवारिक और दिल को छूने वाली फिल्में बनाई हैं, जो आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित हैं।

सूरज बड़जात्या ने अपने करियर की शुरुआत महेश भट्ट के असिस्टेंट के रूप में की थी। उन्होंने ‘सारांश’ जैसी फिल्म में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया था। इसके बाद 1989 में उन्होंने ‘मैंने प्यार किया’ फिल्म से निर्देशक के तौर पर कदम रखा, और यह फिल्म आज भी दर्शकों के बीच एक हिट फिल्म के रूप में जानी जाती है। यह फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही, बल्कि इसने सलमान खान को प्रेम के किरदार में पहचान दिलाई। ‘मैंने प्यार किया’ ने 1980 के दशक में सबसे ज्यादा कमाई की थी और इस फिल्म ने एक नई लहर को जन्म दिया।

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इसके बाद सूरज बड़जात्या ने ‘एक विवाह ऐसा भी’ (2008) जैसी फिल्म बनाई, लेकिन इसके बाद वह 9 साल तक फिल्म निर्माण से दूर रहे। 2015 में उन्होंने ‘प्रेम रतन धन पायो’ फिल्म बनाई, जिसमें सलमान खान और सोनम कपूर मुख्य भूमिका में थे। यह फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर हिट रही। अब, इतने सालों बाद, सूरज बड़जात्या ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपनी फिल्म ‘बड़ा नाम करेंगे’ के साथ डेब्यू किया है। इस कदम से उन्होंने यह साबित कर दिया कि वह नए बदलावों के साथ चलने के लिए तैयार हैं।

सूरज बड़जात्या के फिल्मी सफर में एक और खास बात यह है कि उन्होंने 35 साल के करियर में सिर्फ 8 फिल्मों का निर्देशन किया, लेकिन सभी फिल्में सुपरहिट रही। उनकी फिल्मों में परिवार, प्यार और संस्कार की महत्वपूर्ण बातें हमेशा दिखाई देती हैं, जो दर्शकों को हमेशा पसंद आई हैं।

इसके अलावा, सूरज बड़जात्या के बचपन के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। वह पढ़ाई में बहुत कमजोर थे, और स्कूल के दिनों में उनके अंक बहुत कम आते थे। एक बार उनके कॉलेज के प्रिंसिपल ने उनके पिता को खूब खरी-खोटी सुनाई थी, जिसके बाद उन्होंने ठान लिया कि अब कुछ करना होगा। इसके बाद उन्होंने इतनी मेहनत की कि वह हमेशा फर्स्ट आने लगे। उनकी यह मेहनत और संकल्प ही उन्हें सफलता की ओर ले गई।

सूरज बड़जात्या की कहानी यह साबित करती है कि यदि आपके पास मेहनत, संकल्प और सही दिशा हो, तो आप किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। आज वह भारतीय सिनेमा के एक बड़े नाम हैं, और उनकी फिल्मों ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक नया मुकाम हासिल किया है।

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