निर्माता और फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने हाल ही में सिनेमा के प्रति अपने जुनून और संघर्ष पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि जब चीजें सही नहीं होतीं, तो वह खुद को याद दिलाते हैं कि वह कहां से आए हैं और किस कारण उन्होंने सिनेमा में कदम रखा। अनुराग कश्यप ने फोर्ब्स के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि आज उनके पास कई स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं के मुकाबले अधिक विशेषाधिकार हैं, और इसी कारण वह अपनी यात्रा के दौरान आने वाली किसी भी बाधा पर नहीं रुकते।
उन्होंने यह भी कहा कि इन दिनों दर्शक बड़े बजट की फिल्मों को देखना पसंद करते हैं, लेकिन वे छोटी फिल्मों का भी इंतजार करते हैं, जो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज होती हैं। कश्यप ने आगे कहा कि अब वह भविष्य की ओर देखना बंद कर चुके हैं और वह उन बातों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, जिन पर आजकल लोग बात नहीं करते।
अनुराग कश्यप ने अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए कहा कि वह घर पर फिल्में देखना पसंद नहीं करते, क्योंकि घर में उन्हें कई रुकावटें आती हैं। उन्हें सिनेमा हॉल में फिल्में देखना अधिक आनंदजनक लगता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कभी उनकी सारी फिल्में फ्लॉप हो जाएं या सब कुछ गलत हो जाए, तो भी वह सिनेमा से प्यार करते रहेंगे और वहीं वापस लौटेंगे, जहां से उन्होंने शुरुआत की थी।
अनुराग कश्यप ने एक और महत्वपूर्ण बात साझा की, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें अपने काम के लिए किसी और फिल्म निर्माता से तुलना नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने स्वतंत्र फिल्म निर्माता के रूप में अपनी पहचान बनाने की बात की और कहा कि वह अपनी पहचान को बनाए रखने के लिए सिनेमा में नई दिशा लाना चाहते हैं।
गौरतलब है कि अनुराग कश्यप की कन्नड़ फिल्म “टाइगर्स पॉन्ड” हाल ही में बर्निल फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई थी, जिससे उनके सिनेमा के प्रति योगदान को और भी सराहा गया है।