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अदिति मिश्रा का आखिरी सुसाइड नोट: माता-पिता के लिए भावुक संदेश, घरवालों की आंखों में आंसू

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Aditi Mishra's last suicide note: emotional message for parents

सॉरी मम्मी-पापा! मुझसे कुछ नहीं हो पाया, न तो अब हो पाएगा। आप लोग अच्छे हैं, हमेशा सपोर्ट किए, मुझसे हमेशा प्यार किया, लेकिन मेरा समय अब खत्म हो चुका है। ऐसा समझिए कि माता रानी ने बस 18 साल के लिए ही मुझे भेजा था। इतने साल मेरे लिए स्वर्ग था, मुझे आप लोगों के रूप में भगवान जो मिल गए थे। ये बातें अदिति मिश्रा ने एक पन्ने के सुसाइड नोट में लिखा है। इसे पढ़कर घरवालों के साथ ही हर कोई रोया। अदिति ने सुसाइड नोट में माता-पिता को संबोधित करते हुए लिखा है-आप लोग इतने अच्छे हैं, मैं आप लोगों को डिजर्व नहीं करती। आपकी एक भी उम्मीद पर खरी नहीं उतरी हूं। हमेशा आपके विश्वास को तोड़ा है। लेकिन अब आप लोग कृपया रोइएगा मत, यह मेरी आपसे लास्ट विश है, आप लोग हमेशा खुश रहिएगा। आपके पास मेरी छोटी बहन तृप्ति है, वो आप लोगों के सारे सपने पूरे करेगी। मेरा सफर यहीं तक था, लेकिन आप लोगों को अभी बहुत कुछ देखना बाकी है। तृप्ति को सफल बनाना है। मैं बहुत प्यार करती हूं, वादा कीजिए कि आप हमेशा खुश रहेंगे। किसी एक के जाने से जिंदगी रुकती नहीं है। पापा आपसे, मां तुमसे, तृप्ति, अम्मा, बुआ, भैया, मातीरिया वाली चाची, छोटे बाबा, राजू चाचा, महिमा चाची, काव्या, अनमोल, उज्जवल, गुड़िया चाची, दीपू चाचा, उषा चाची, अनिल चाचा, तान्या, रिया, माही, सानू, श्रेया, संयोगिता चाची, दादी, सोनौरा वाले बाबा और अपने गांव व घर से बहुत प्यार करती हूं। बस अपने आप से प्यार नहीं कर पाई. आपकी रिमझिम। अदिति को घर पर लोग प्यार से रिमझिम बुलाते थे। बेतियाहाता स्थित गर्ल्स हॉस्टल में अदिति कमरा नंबर 86 में रहती थी। हॉस्टल में कुल 12-13 कमरे हैं। इसमें 25 के करीब छात्राएं तैयारी कर रही हैं। वहां रहने वाली छात्राएं अदिति की मौत पर हतप्रभ थीं। एक दूसरे को पकड़ कर बार-बार रोने लग रही थीं। छात्राओं ने बताया-अदिति लोगों से ज्यादा मतलब नहीं रखती थी। वह हमेशा अपने में ही खोई रहती थी। वहीं उसके साथ कमरे में रहने वाली छात्रा ने बताया कि उससे भी वह कम ही बात करती थी। दो दिन पहले ही अदिति मेंहदावल स्थित घर से वापस आई थी। पिता अजयनाथ मिश्रा बेटी के शव के सामने बैठकर रो रहे थे। अचानक पुलिस को देखकर वह खड़े हो गए। हाथ जोड़कर निवेदन करने लगे-साहब। बेटी का चीर-फाड़ मत करवाइएगा। बहुत प्यार से बेटी को पाला। कभी उसे कोई परेशानी नहीं होने दी। यह कहकर काफी देर तक वह पुलिस से पोस्टमार्टम नहीं कराने का निवेदन करते रहे। फिर थाना प्रभारी और रिश्तेदारों के समझाने पर वह पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पास रहने वाली अदिति की मौसी कल्पना और मौसा सूर्यनाथ मिश्रा घटना के कुछ ही देर बाद वहां पहुंच गए। मौसी ने कहा कि मंगलवार को जेईई मेन के रिजल्ट आने पर उनकी बात अदिति से हुई थी। उसने कहा था कि सफल नहीं हुई तो क्या हुआ, आगे आईएएस की तैयारी करेगी। वह शुरू से ही आईएएस बनना चाहती थी। अदिति के मौसा बोले-जब तबीयत खराब होती थी तब हमलोग उसे डॉक्टर को दिखाते थे। बोला भी था कि जब भी कोई परेशानी हो वह उनके घर चली आए। गोरखपुर में ज्वाइंट इंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई-मेन) में असफल होने पर इंटर की छात्रा अदिति मिश्रा (18) ने खुदकुशी कर ली। बुधवार दोपहर करीब 12 बजे बेतियाहाता स्थित गर्ल्स हॉस्टल के कमरे में छात्रा ने पंखे में फंदा लगाकर जान दे दी। कमरे में एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें छात्रा ने असफलता मिलने पर खुदकुशी करने की बात लिखी है। पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल स्थित मिश्रौलिया गांव के निवासी अजय मिश्रा की बेटी अदिति दो साल से गोरखपुर के बेतियाहाता स्थित गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी। वह बेतियाहाता स्थित एक कोचिंग सेंटर में पढ़ाई कर तैयारी कर रही थी। छात्रा के पिता मेंहदावल प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक हैं। फूफा ध्रुव कुमार त्रिपाठी एमएलसी हैं। गर्ल्स हॉस्टल के कमरे में अदिति के साथ एक और छात्रा रह रही थी। वह गोला इलाके की रहने वाली है। वह शहर के एक कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रही है। छात्रा ने बताया कि सुबह अदिति के साथ बातचीत हुई थी। उस समय तक सामान्य अवस्था में थी। छात्रा के मुताबिक, वह कमरे से बाजार गई थी। दोपहर 12:05 बजे लौटी तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। कई बार आवाज देने और खटखटाने के बाद भी जवाब नहीं मिला तो हॉस्टल के कर्मचारियों को सूचना दी। छात्रा के घरवाले पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर रहे थे, उन्हें समझाया गया। इसके बाद कैंट थाने की पुलिस ने शव को बीआरडी मेडिकल कॉलेज भिजवाकर पोस्टमार्टम कराया। रिपोर्ट में भी मौत का कारण हैंगिंग यानी फंदे से लटक कर मौत आई है। शाम करीब 06:30 बजे शव लेकर परिजन संतकबीरनगर स्थित घर चले गए

  


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