यह घटना निस्संदेह अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास एक संदिग्ध आईईडी विस्फोट में शहीद हुए कैप्टन करमजीत सिंह बख्शी और उनके साथ शहीद हुए नायक मुकेश कुमार का बलिदान हमारे देश की वीरता और सैनिकों के कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। यह घटना न केवल भारतीय सेना के पराक्रम को दर्शाती है, बल्कि हमारे सैनिकों की देश के प्रति अपनी जान की आहुति देने की भावना को भी उजागर करती है।
कैप्टन बख्शी की शहादत ने न केवल उनकी मां और परिवार को अपूरणीय क्षति दी है, बल्कि पूरे देश को भी एक गहरी चोट पहुँचाई है। शहीद के परिवार को इस महान दुख को सहन करना आसान नहीं होगा, विशेषकर उनकी मां के लिए यह समय बहुत ही कठिन और दर्दनाक है। शहीद के बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए झारखंड में आयोजित किए गए भावपूर्ण समारोह ने इस शोक को सम्मान दिया और शहीदों की वीरता को याद किया।
झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगावर और मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने इस दुखद घटना पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और राज्य सरकार की तरफ से शोक संतप्त परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। राज्यपाल ने यह भी कहा कि झारखंड सरकार कैप्टन बख्शी के बलिदान पर गर्व महसूस करती है, और उनका बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा। यह शब्द परिवार के लिए एक सांत्वना और प्रेरणा का स्रोत होंगे, क्योंकि यह समय उनके लिए कठिन है।
इस घटना में सेना की 9 पंजाब रेजिमेंट के शहीद हुए जवानों के साहस और संघर्ष को याद किया जाएगा। उनका बलिदान इस देश के लिए अमूल्य है और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा माना जाएगा। धमाका आतंकियों की साजिश माना जा रहा है, जो कि हमारे सैनिकों के खिलाफ एक निंदनीय कृत्य है, लेकिन इसके बावजूद हमारे सैनिकों ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सुरक्षा की है।
हमारे सैनिकों की सेवा और बलिदान की कोई भी कीमत नहीं हो सकती। इस घटना ने हमें यह भी याद दिलाया है कि भारतीय सेना अपनी जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा में तत्पर रहती है। ऐसे वीरों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा और वे हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे।