प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आस्था और श्रद्धा के प्रतीक त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई और मां गंगा की विधिवत पूजा की. माघ मास की गुप्त नवरात्रि के अवसर पर, पीएम मोदी के संगम स्नान को आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया. केसरिया वस्त्र धारण किए प्रधानमंत्री ने मंत्रोच्चार के बीच रुद्राक्ष की माला पहनी और पूरे विधि-विधान से परिक्रमा की.

प्रधानमंत्री का यह दौरा पूरी तरह से सुरक्षित रहा. सुरक्षा के मद्देनजर अरैल क्षेत्र में विशेष अलर्ट जारी किया गया था. एनएसजी, एटीएस और पुलिस बल के जवानों की भारी तैनाती रही. पीएमओ के अनुसार, मोदी सरकार देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए लगातार प्रयासरत है. तीर्थ स्थलों के विकास और सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में भी कई कदम उठाए गए हैं.

संगम तट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते प्रधानमंत्री को हनुमान मंदिर और अक्षय वट के दर्शन किए बिना लौटना पड़ा. इसके बावजूद, उन्होंने अपने स्नान और पूजन के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा. पीएम के कार्यक्रम के दौरान केवल कुछ देर के लिए वीआईपी घाट तक जाने वाले रास्ते को प्रतिबंधित किया गया, लेकिन अन्य किसी मार्ग पर कोई बड़ा यातायात डायवर्जन नहीं किया गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पेशल क्रूज के जरिए संगम पहुंचे और मां गंगा को चुनरी अर्पित कर उनका आशीर्वाद लिया. इस दौरान उन्होंने ध्यान और साधना की परंपरा को अपनाते हुए मां गंगा की आराधना की.