अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को एक गंभीर चेतावनी दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि ईरान ने उन्हें मारने की कोशिश की, तो वह ईरान को पूरी तरह से नष्ट कर देंगे। ट्रंप का यह बयान इस समय सामने आया है जब अमेरिका और ईरान के बीच तनाव पहले से ही काफी बढ़ा हुआ है। ट्रंप ने कहा कि ईरान को यह समझ लेना चाहिए कि यदि उसने उन पर हमला किया, तो उसका जवाब बेहद कड़ा होगा और वह उसे तबाह कर देंगे।
इसके साथ ही ट्रंप ने यह भी संकेत दिए हैं कि अगर ईरान ने अपनी परमाणु परियोजनाओं को बंद नहीं किया, तो अमेरिका उस पर और भी प्रतिबंध लगाएगा। ट्रंप ने अपने सलाहकारों को निर्देश दिया कि अगर ईरान उनके ऊपर हमला करता है, तो उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं हो सकते हैं और इस पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि वह ईरान के साथ संवाद करने को तैयार हैं, लेकिन यह इस शर्त पर होगा कि ईरान अपनी परमाणु परियोजनाओं को पूरी तरह से बंद कर दे और अमेरिका के साथ अच्छे रिश्ते बनाए। ट्रंप के इस बयान के बाद यह साफ है कि अमेरिका ईरान पर अधिक दबाव डालने की योजना बना रहा है।
ईरान और अमेरिका के रिश्ते पिछले कुछ सालों में बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। 2015 में जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौता हुआ था, तो यह एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक उपलब्धि मानी गई थी। लेकिन 2018 में ट्रंप ने अचानक इस समझौते से अमेरिका को बाहर निकाल लिया और ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता गया है।

ट्रंप को कई बार ईरान से धमकियां मिल चुकी हैं। हाल ही में एक चुनावी रैली के दौरान ट्रंप पर जानलेवा हमला भी हुआ था। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों का कहना था कि यह हमला ईरान द्वारा नहीं किया गया था। ट्रंप ने 2020 में ईरान के कुद्स फोर्स के प्रमुख कासिम सुलेमानी को हत्या करने का आदेश दिया था, जिसके बाद से अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां उनके सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क हो गई हैं।
ईरान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है और अमेरिकी प्रतिबंधों ने उसकी अर्थव्यवस्था को और अधिक कमजोर कर दिया है। ऐसे में ट्रंप की ओर से यह चेतावनी एक बार फिर से ईरान को बड़ी मुश्किल में डाल सकती है। ईरान के लिए यह समय और भी कठिन हो सकता है, खासकर जब वह पहले ही अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका से विवादों में घिरा हुआ है।
अब सवाल यह है कि क्या ट्रंप अपने कड़े रुख को जारी रखेंगे और क्या ईरान के साथ एक और सैन्य संघर्ष का खतरा पैदा होगा, जो न केवल क्षेत्रीय शांति को प्रभावित करेगा, बल्कि वैश्विक राजनीति पर भी गहरा असर डाल सकता है।