कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, और यह समस्या खासतौर पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) अस्पताल और महामना कैंसर संस्थान में देखने को मिल रही है। हर दिन करीब 150 नए मामलों में कैंसर की पुष्टि हो रही है, जबकि अन्य स्वास्थ्य केंद्रों और निजी अस्पतालों में भी करीब 100 नए कैंसर रोगी सामने आ रहे हैं। इनमें से कुछ में शुरुआती लक्षण होते हैं, जबकि कुछ के मामलों में बीमारी दूसरे या तीसरे चरण में पाई जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर, जबकि पुरुषों में मुंह का कैंसर सबसे आम पाया जा रहा है। बीएचयू के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रो. मनोज पांडेय के मुताबिक, दो साल पहले तक यहां सालाना 20,000 कैंसर पीड़ित आते थे, अब यह आंकड़ा बढ़कर 25,000 के पार पहुँच गया है। इसके अलावा, महामना कैंसर संस्थान में वाराणसी और पूर्वांचल के अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।
बीएचयू के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में औसतन 300 से अधिक मरीज रोज आते हैं। इनमें से 15 महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, 10 में सर्वाइकल कैंसर और 15 पुरुषों में मुंह के कैंसर के लक्षण पाए जाते हैं। इनका इलाज सर्जरी और कीमोथेरेपी से किया जाता है। रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. सुनील चौधरी का कहना है कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की समस्या आमतौर पर 45 से 55 वर्ष के बीच देखने को मिलती है, लेकिन अब यह 40 वर्ष के बाद भी देखी जा रही है।
बीएचयू दंत चिकित्सा संकाय के पूर्व प्रमुख, प्रो. टीपी चतुर्वेदी ने बताया कि तंबाकू, पान और गुटखा का सेवन करने वालों में मुंह के कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा, दांतों और मसूड़ों में सूजन या छाले होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कैंसर के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, और यदि किसी समस्या का इलाज तीन सप्ताह तक ठीक से न हो तो तत्काल दंत चिकित्सक से संपर्क करें।
सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी के अनुसार, कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए शहर और ग्रामीण इलाकों में नियमित स्क्रीनिंग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा, ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए 40 वर्ष के बाद मेमोग्राफी करवाना चाहिए, और दांतों तथा मसूड़ों की समस्या से बचने के लिए हर छह महीने में दंत चिकित्सक से मिलना चाहिए। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए डॉक्टर की सलाह पर टीका लगवाना चाहिए।
इस साल विश्व कैंसर दिवस की थीम “यूनाइटेड बाय यूनिक” है, और यह दिन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। सभी को यह समझना जरूरी है कि कैंसर से बचाव के उपायों को अपनाकर इस खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है।