बिहार के बहुचर्चित NEET पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया के खिलाफ पटना सिविल कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने संजीव मुखिया को पकड़ने के लिए अदालत से यह वारंट लिया. कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि एक महीने के भीतर संजीव मुखिया की गिरफ्तारी नहीं होती या वह खुद कोर्ट में पेश नहीं होता, तो उसके खिलाफ इश्तेहार जारी किया जाएगा और संपत्ति कुर्की की जाएगी.
खबर है कि, संजीव मुखिया कुछ समय पहले नेपाल में छिपा हुआ था, लेकिन अब संभावना जताई जा रही है कि वह किसी अन्य स्थान पर भाग चुका है. EOU ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई तेज कर दी है और उसके ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है.

बता दें कि संजीव मुखिया पर NEET परीक्षा के साथ-साथ सिपाही बहाली, BPSC शिक्षक बहाली सहित कई अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाओं के पेपर लीक करने का आरोप है. ईडी ने उसके खिलाफ पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) का केस दर्ज किया हुआ है, जबकि सीबीआई पहले ही पेपर लीक मामले में केस दर्ज कर चुकी है. संजीव मुखिया बिहार के नालंदा जिले के नगरनौसा थाना क्षेत्र के यारपुर भलवा गांव का रहने वाला है. वह नवंबर 2011 में सबौर कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर में तकनीकी सहायक के पद पर नियुक्त हुआ था और हाल में नालंदा उद्यान महाविद्यालय में कार्यरत था. संजीव मुखिया का परिवार भी चर्चा में है. उसकी मां यशोदा देवी सेवानिवृत्त नर्स हैं, जबकि पिता जनककिशोर प्रसाद किसान हैं. उसकी पत्नी ममता देवी राजनीति में सक्रिय हैं और विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं.
संजीव मुखिया को पकड़ने के लिए ईओयू और अन्य एजेंसियां लगातार प्रयास कर रही हैं. अगर वह जल्द ही गिरफ्तार नहीं हुआ तो उसकी संपत्ति जब्त की जाएगी. कोर्ट के इस आदेश से यह स्पष्ट है कि प्रशासन अब किसी भी कीमत पर इस मामले में कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. पटना सिविल कोर्ट का यह आदेश न केवल संजीव मुखिया की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का प्रयास है, बल्कि इसे भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एक सख्त कदम के रूप में देखा जा रहा है.