यह घटना सचमुच एक बड़ा मुद्दा बन चुकी है, खासकर जब पूरे देश में 76वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा था और तिरंगा हर घर, हर गली में गर्व और श्रद्धा के साथ लहराया जा रहा था। इस बीच, बिहार सरकार के मंत्री जयंत राज कुशवाहा का जूते पहनकर झंडा फहराना एक बहुत ही संवेदनशील और विवादास्पद मामला बन गया। राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और उसकी गरिमा को लेकर यह सवाल उठता है कि क्या मंत्री की यह हरकत अनजाने में हुई, या फिर यह एक और उदाहरण है जहां किसी सार्वजनिक व्यक्ति की लापरवाही और आदर्शों की कमी झलकती है?
हम जानते हैं कि तिरंगा हमारे लिए केवल एक ध्वज नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की स्वतंत्रता, संघर्ष, और बलिदान की प्रतीक है। इसे सम्मान देना केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का हिस्सा है। ऐसे में, जब किसी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति से इस तरह की लापरवाही होती है, तो यह देशवासियों के बीच गलत संदेश भेजता है। जूते पहनकर झंडा फहराना न सिर्फ इस ध्वज का अपमान है, बल्कि यह राष्ट्रीय ध्वज के प्रति हमारी भावनाओं और आदर्शों का भी उल्लंघन करता है।
विपक्ष ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है, और यह सही भी है, क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। विपक्ष का कहना है कि मंत्री जी को इस कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए और इसे एक गलतफहमी या अनजाने में हुई गलती के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। ऐसे कृत्य सिर्फ व्यक्तिगत सम्मान ही नहीं, बल्कि पूरे देश की अस्मिता को भी ठेस पहुंचाते हैं।
अब, यह देखना होगा कि बिहार सरकार और मंत्री जी इस विवाद पर क्या सफाई पेश करते हैं। क्या वे इसे एक अंजाने में हुई गलती मानते हैं, या फिर कुछ और स्पष्टीकरण देंगे? और अगर यह जानबूझकर किया गया तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? यह भी विचारणीय है कि क्या इस घटना के बाद राज्य सरकार और केंद्रीय सरकार के स्तर पर राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के लिए कुछ सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
इस मामले में मंत्री जी की तरफ से कुछ स्पष्टता आनी चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ एक व्यक्ति का मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे देश के नागरिकों के मन में तिरंगे के प्रति सम्मान और श्रद्धा की भावना से जुड़ा हुआ है। भारतीय नागरिक के रूप में हमें यह याद रखना चाहिए कि तिरंगा हमारे संघर्ष, स्वतंत्रता, और देश के महान इतिहास का प्रतीक है, और हमें इसे अपनी सबसे बड़ी श्रद्धा और सम्मान देना चाहिए। कुल मिलाकर, यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इससे जुड़े कृत्यों के बारे में हमें हमेशा सचेत रहना चाहिए, ताकि हम राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में किसी भी तरह की कमी न छोड़ें।