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अनंत सिंह फिर जेल में, चुनावी उम्मीदों पर संकट: मोकामा में नई सियासी लड़ाई?

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Anant Singh in jail again, election hopes in jeopardy

बिहार के बाहुबली नेता और मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह ने पटना के बाढ़ कोर्ट में सरेंडर कर न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल का रुख किया. यह घटनाक्रम मोकामा की सियासत और अनंत सिंह की चुनावी संभावनाओं पर कई सवाल खड़े करता है.
बता दें कि 22 जनवरी को नौरंगा-जलालपुर गांव में हुई गोलीबारी ने पूरे इलाके में तनाव फैला दिया. इस घटना के केंद्र में अनंत सिंह और स्थानीय व्यवसायी गिरोह सोनू-मोनू थे. जानकारी के मुताबिक, यह झगड़ा मुंशी मुकेश कुमार सिंह के पैसे के विवाद से शुरू हुआ, जिसमें अनंत सिंह ने हस्तक्षेप किया. अनंत सिंह का दावा है कि उन्होंने मुकेश सिंह के घर पर ताला खोलने और विवाद सुलझाने की कोशिश की, लेकिन सोनू-मोनू ने उनके दूत पर गोली चला दी. दूसरी ओर, सोनू-मोनू के परिवार ने अनंत सिंह के समर्थकों पर ही गोलीबारी का आरोप लगाया है.
सोनू-मोनू जैसे स्थानीय अपराधी अब अनंत सिंह के सामने खुली चुनौती बन गए हैं. इस पर कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सोनू-मोनू के पीछे बड़ी राजनीतिक और आपराधिक ताकतें खड़ी हैं.
आपको बता दें कि अनंत सिंह पिछले साल ही आर्म्स एक्ट के एक मामले में बरी होकर जेल से बाहर आए थे और अब 2025 के विधानसभा चुनाव में मोकामा सीट से फिर खड़े होने की तैयारी कर रहे थे. फिलहाल, उनकी पत्नी नीलम देवी इस सीट से विधायक हैं. लेकिन बार-बार जेल जाने और बढ़ते आपराधिक मामलों के चलते उनकी राजनीतिक संभावनाओं पर असर पड़ सकता है.
सियासी जानकारों का कहना है कि यह घटना अनंत सिंह के “छोटे सरकार” के रुतबे को कमजोर कर सकती है. उनके आतंक आधारित वोटबैंक को सोनू-मोनू जैसे उभरते अपराधियों से चुनौती मिल रही है. इस घटना से मोकामा की राजनीति और आगामी विधानसभा चुनावों पर गहरा असर पड़ने की संभावना है. अनंत सिंह का दावा मजबूत था, लेकिन उनकी कानूनी समस्याएं और बाहरी ताकतों का बढ़ता दबाव उनके चुनावी सपनों को मुश्किल में डाल सकता है.क्या अनंत सिंह इस संकट से उबरकर फिर से चुनावी मैदान में उतर पाएंगे, या मोकामा की सियासत में उनका दबदबा कम होता जाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा.

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