विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 2(एफ) के तहत प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, रांची, झारखंड का नाम अपनी सूची से हटा दिया है। यह कार्रवाई विश्वविद्यालय द्वारा निरीक्षण के लिए आवश्यक जानकारी उपलब्ध न कराने और यूजीसी के ईमेल व कॉल का जवाब न देने के कारण की गई है। झारखंड सरकार ने 20 मार्च, 2024 को प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी अधिनियम, 2016 को रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया था। प्रस्ताव में कहा गया कि वर्ष 2016 में स्थापित यह विश्वविद्यालय अस्तित्व में नहीं आया और न ही यहां किसी प्रकार का शिक्षण-अध्ययन कार्य आरंभ हुआ। यूजीसी ने अपनी अधिसूचना में बताया कि प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी को 16 मई, 2016 को अधिसूचित किया गया था और 3 अगस्त, 2016 को यूजीसी की सूची में शामिल किया गया। इसके बाद यूजीसी ने विश्वविद्यालय से निरीक्षण के लिए जानकारी मांगी, लेकिन विश्वविद्यालय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यूजीसी ने झारखंड सरकार को भी इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करने के लिए पत्र लिखा, लेकिन निराशाजनक परिणाम सामने आए। परिणामस्वरूप, छात्र समुदाय और अन्य हितधारकों को यह सूचित किया गया है कि प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी का नाम अब यूजीसी की मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों की सूची से हटा दिया गया है। विश्वविद्यालय 2016 में स्थापित हुआ था, लेकिन किसी भी शैक्षणिक गतिविधि की शुरुआत नहीं की गई। निरीक्षण के लिए आवश्यक जानकारी यूजीसी को उपलब्ध नहीं कराई गई। झारखंड सरकार ने 2023 में विश्वविद्यालय के निरसन का प्रस्ताव पारित किया। यूजीसी ने 2024 में इसे अपनी सूची से हटा दिया। यह निर्णय छात्रों और हितधारकों को सूचित करने के लिए लिया गया है ताकि उन्हें भविष्य में किसी भ्रम का सामना न करना पड़े।