बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर निर्दलीय सांसद और कांग्रेस समर्थक पप्पू यादव ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस को नेतृत्व करना चाहिए, चाहे गठबंधन किसी भी दल के साथ हो। पप्पू यादव का मानना है कि चुनाव किसी मुख्यमंत्री के नाम के बिना लड़ा जाना चाहिए। यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में चुनावी तैयारियां जोर पकड़ रही हैं और गठबंधन को लेकर चर्चाएं तेज हैं। पप्पू यादव ने बिहार में बढ़ते अपराध और विधायकों से रंगदारी की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य में माफिया और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इन घटनाओं की कोई जानकारी नहीं है, जो राज्य प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है। पप्पू यादव ने नीतीश कुमार के महिलाओं पर दिए गए विवादित बयान का बचाव किया। उन्होंने इसे मुख्यमंत्री की गलती बताया लेकिन साथ ही तेजस्वी यादव की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे बयानों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। पप्पू यादव ने यह भी कहा कि महिलाओं के हितों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। पप्पू यादव ने यह स्पष्ट किया कि बिहार में कांग्रेस को चुनावों में मजबूत भूमिका निभानी चाहिए। उनका यह बयान गठबंधन की राजनीति में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने का प्रयास माना जा रहा है। पप्पू यादव का यह सुझाव चुनावी रणनीतियों को प्रभावित कर सकता है। पप्पू यादव के बयान ने बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। कांग्रेस को नेतृत्व सौंपने और मुख्यमंत्री का नाम सामने लाए बिना चुनाव लड़ने का उनका प्रस्ताव, चुनावी समीकरणों को बदलने की क्षमता रखता है। अब देखना यह है कि कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल इस पर क्या रुख अपनाते हैं।